मधेपुरा: बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. 802 वैकेंसी के लिए 799 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. इन्हीं सफल अभ्यर्थियों में मधेपुरा के रहने वाले संयम राज उर्फ मौसम भी है. संयम को 356वां रैंक आया है, वह आरडीओ (रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर) बने है. संयम ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दी है. यह उनका तीसरा प्रयास था. जिसमें वह सफल हुए. संयम के पिता राजकिशोर यादव सेवानिवृत्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं माता सुलेखा देवी एक कुशल गृहणी है. संयम एक भाई एक बहन में सबसे बड़ी बहन है. संयम ने बताया कि जैसे ही रिजल्ट आया पिता एवं माता के खुशी का ठिकाना नहीं था. उनके परिवार में इससे पहली उनके पिता जी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद को सुशोभित कर चुके हैं. अब पुत्र आरडीओ बन चुका है, जिसके बाद परिवार वालो के पास खुशी जाहिर करने के लिए कोई शब्द ही नहीं मिल रहा था.
उन्होंने बताया कि परिणाम जारी होते ही माता जी ने भगवान शुक्रगुजार करते हुए पूजा पाठ में लग गई. संयम को बीपीएससी की परीक्षा में तीसरे प्रयास में सफलता मिली है. इससे पहले मेंस और फिर इंटरव्यू में जाकर असफल हो जाता था, लेकिन इस बार भगवान एवं माता - पिता के आशीर्वाद से मैं सफल हो पाया हूं. मुझे 356वां रैंक हासिल हुआ है. उन्होंने अपनी पढ़ाई के बारे में बताया कि मैं हर रोज कम से कम 6 से 8 घंटे पढ़ाई करता था. जब परीक्षा नजदीक आता था तो 12 से 14 घंटे पढ़ाई करना शुरू कर देता था. उन्होंने बताया की दसवीं की पढ़ाई विद्या विहार पूर्णिया से किया हूं. उसके बाद ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से किया हूं. ग्रेजुएशन करने के बाद बीपीएससी की तैयारी में लग गया.
दिल्ली में रहने के बावजूद भी मैं किसी भी कोचिंग संस्था को ज्वाइन नहीं कर सेल्फ स्टडी करता था. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में ऑफलाइन क्लासेस से बेहतर ऑनलाइन क्लासेस है. बस मंजिल प्राप्त करने का जुनून होना चाहिए. पिता से सवाल करने पर उन्होंने बताया कि मेरी ख्वाहिश है कि जिस तरह बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है, उसी तरह यूपीएससी सफलता हासिल करें. उन्होंने हर बच्चों के अभिभावकों से कहा कि एक वक्त का खाना कम ही खाए, लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाए क्योंकि शिक्षा से बड़ा पूंजी कुछ भी नहीं है. संयम ने नए परीक्षार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि जितनी देर भी पढ़ाई करें मन से करें सफलता जरूर कदम चूमेगी.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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