
सुपौल: राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम के नेतृत्व में सुपौल के गांधी मैदान में आज जनसैलाब उमड़ गया. सुपौल सहरसा और मधेपुरा जिले से भारी संख्या में लोग अनुपम को सुनने आए. रात भर हुई बारिश के बावजूद सुबह सुबह पूरा शहर नारों की गूंज से चमक उठा. हर तरफ अनुपम और उनके महापंचायत की चर्चा होती रही. गाँधी मैदान में कुर्सियां कम पड़ गयीं. लोगों ने कहा कि आज तक सुपौल के गाँधी मैदान में इतनी बड़ी रैली उन्होंने नहीं देखा. अनुपम के आह्वान पर देश भर से कई जाने माने लोग भी सुपौल पहुंचे. महापंचायत के लिए मशहूर अधिवक्ता प्रशांत भूषण, पूर्व आईबी डायरेक्टर यशोवर्धन आजाद, जेपी सेनानी दिनेश कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता बीरेंद्र जालान, विधिक संघ सुपौल के पूर्व अध्यक्ष सुधीर झा, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल सिंह सहित कोसी क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग सुपौल पहुंचे.

आपको बता दें कि 'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम पिछले कुछ महीनों से कोसी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आम जनता से लगातार संवाद कर रहे हैं. महापंचायत में बढ़ता नशा, भीषण बेरोजगारी, बदतर शिक्षा स्वास्थ्य, भूमि विवाद और बाढ़ की आपदा को क्षेत्र के पाँच अभिशापों के तौर पर चिन्हित किया गया. अनुपम ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे छोटे छोटे बच्चे नशाखोरी के शिकार हो गए हैं. वो तरह तरह का नशा करने लगे हैं. बेरोजगारी का आलम यह है कि कोसी क्षेत्र को पूरे देश में हेय दृष्टि कोण से देखा जाता है. बांकी देश कोसी क्षेत्र जो लेबर सप्लायर जोन की तरह देखता है. शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति ऐसी है कि कोई भी अपने बच्चे को बिहार में रहने देना नहीं चाहता है. अनुपम ने आगे कहा कि इस महापंचायत का स्पष्ट उद्देश्य है सत्ता के नजर में आम व्यक्ति की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करना, कोसी की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस करना. आज समाज को बचाने और बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए कोसी क्षेत्र में आज एक जनांदोलन की ज़रूरत है. आज की कोसी महापंचायत सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम भर नहीं बल्कि एक बड़े जनांदोलन की शुरुआत है. ऐसे आंदोलन की शुरुआत है जो कोसी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश और फिर देश की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है.

अनुपम ने कहा कि आज हमारा समाज जिस जगह पर पहुंचा है उसके लिए हम सब जिम्मेदार हैं. अब जरूरत आ पड़ी है कि हम इस अपनी जिम्मेदारी समझें और समाज को इस पंच अभिशाप से मुक्ति दिलाएं. अनुपम के संवाद की शैली से लोग काफी प्रभावित दिखे. यह देखना दिलचस्प था कि लोग संवाद में सक्रिय हिस्सेदारी ले रहे थे. भाषण के दौरान कई बार जोरदार नारेबाजी हुई. जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इस आंदोलन को महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हुए अहिंसात्मक रखना है. उन्हीने कहा कि बिना आम आदमी को मजबूत किए समाज और देश को मजबूत नहीं किया जा सकता है. आज देश में शक्तियों को एक जगह पर केंद्रित करने की प्रवृत्ति बढ़ गई है. हमें पंचायतों को मजबूत करना होगा. यह आंदोलन पंचायत को मजबूत करने में काफी सहायक सिद्ध होगा.
सभा को संबोधित करते हुए आईबी के पूर्व डायरेक्टर ने अनुपम के नेतृत्व क्षमता की सराहना की और कहा कि युवा हल्ला बोल के साथी इस देश में सकारात्मक आंदोलन खड़ा करने को क्षमता रखते हैं. उन्होंने कोसी क्षेत्र के लोगों से कहा कि वो अपने मुद्दे के लिए खड़े हों और अपने नेताओं से उचित सवाल पूछें. जेपी सेनानी दिनेश कुमार ने काफी आक्रामक लहजे में पूछा कि आखिर कोसी क्षेत्र में नए उद्योग क्यों नहीं लगाया जा रहा है? जब यहां जूट, मखाना उगाया जाता है तो उससे संबंधित उद्योग क्यों नहीं लगाया जा सकता है. वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर झा ने स्थानीय भाषा में सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए लोगों से अपील किया कि अनुपम का साथ देना आज समाज का दायित्व होना चाहिए. आंदोलन को मजबूत करें. उन्होंने अनुपम और युवा हल्ला बोल के पदाधिकारियों की सराहना भी की.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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