वही लैंगिक विशेषज्ञ श्री राजेश कुमार ने कहा कि बचपन जीवन सबसे अच्छा चरण होता है जिसे सभी के लिए स्वास्थ्य और खुशियों से भरा होना चाहिए ताकि वह आगे अपने राष्ट्र का नेतृत्व करने के लिए तैयार रहें. यदि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वथ्य होंगे तो वह राष्ट्र के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ सर्वश्रेष्ठ योगदान नहीं दे सकेंगे. इसीलिए जीवन में बचपन की अवस्था सबसे महत्वपूर्ण चरण होती है जिसमें सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को प्यार, देखभाल और स्नेह से प्रेरित करना चाहिए. देश का नागरिक होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारियां को समझते हुए राष्ट्र के भविष्य को बचाना चाहिए. कार्यक्रम में प्रधानाध्यापिका शांति देवी, शिक्षक सुशांत कुमार, प्रियंका कुमारी, कुमारी नीरू, विक्रम कुमार, मिथिलेश कुमार, संपत कुमार, स्कूल की छात्रा मेघा कुमारी, आरती सुमन, आरती कुमारी, लक्ष्मी, करुणा, चांदनी, साक्षी, सपना, सोनाली, सुनैना, सरस्वती के साथ-साथ कई छात्राएं मौजूद थी.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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