वेदांत रिसर्च सेंटर की निदेशिका सह भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्षा राजकुमारी सिन्हा ने अपने संबोधन में बीएनएमयू के दोनों प्रतिभागियों की भूरी भूरी प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि बीएचयू और पीयू के प्रतिभागियों के बीच एक सुदूर क्षेत्र के विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों की दमदार उपस्थिति सुखद आश्चर्य का विषय है. उन्होंने कहा कि अत्यंत ही जटिल विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में देशभर के दर्जनों प्रतिभागियों ने भाग लिया. इससे यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान पीढ़ी अपने अतीत की जड़ों से अंजान नहीं है, बल्कि वह अतीत को जानने-समझने के प्रति काफी गंभीर है.
स्थानीय आयोजन सचिव सह बीएनएमयू उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ सुधांशु शेखर ने रांची मे बीएनएमयू के प्रतिभागियों की दमदार उपस्थिति पर बधाई दी है. उन्होंने कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर देने हेतु सेंटर के अध्यक्ष प्रो. एच. पी. नारायण और निदेशिका सह भारतीय महिला दार्शनिक परिषद् की अध्यक्षा प्रो. राजकुमारी सिन्हा का आभार व्यक्त किया है. डॉ. शेखर ने बताया कि टी. पी. कालेज, मधेपुरा केंद्र पर निबंध प्रतियोगिता के प्रथम चरण में लगभग पचास प्रतिभागियों ने भाग लिया था. प्रथम चरण में प्रसन्ना कुमारी (प्रथम) और हर्ष वर्धन (तृतीय) सहित सर्वश्रेष्ठ पांच निबंध का चयन कर रांची भेजा गया था. दूसरे चरण में रांची में मूल्यांकन समिति ने प्रसन्ना एवं हर्ष वर्धन के आलेख को प्रस्तुति हेतु चयनित किया. संयोग से दोनों पति-पत्नी हैं और दोनों ने एक ही विधा में राष्ट्रीय स्तर पर बीएनएमयू का प्रतिनिधित्व कर एक तरह का रिकॉर्ड भी कायम किया है.(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....