परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष सह प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. ललन प्रसाद अद्री ने कहा कि संत रविदास ने सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया और भारतीय राष्ट्रीय एकता को मजबूती प्रदान की. उनके विचारों से प्रभावित होकर राजघराने से आने वाली सुप्रसिद्ध कवयित्री मीरा भी उनकी शिष्या बनी थी. नगर अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि संत रविदास का जीवन हमारे लिए हमेशा प्रेरणादायक है।यह इस बात का भी प्रमाण है कि भारतीय परंपरा में व्यक्ति के कुलवंश एवं जाति से अधिक उनके गुणकर्म एवं चरित्र को महत्व दिया गया है.
उन्होंने कहा कि संत रविदास भारतीयता के संवाहक थे. उन्होंने न केवल दलितों, बल्कि समाज के सभी वर्गों के उत्थान हेतु कार्य किया. भारतीय समाज को एकजुट करने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाने में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है. सीनेटर रंजन यादव ने कहा कि संत रविदास ने बाह्य आडंबर को छोड़कर मन की पवित्रता पर जोर दिया है. उनका संदेश है कि मन चंगा, तो कठौती में गंगा. कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी उपस्थित अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं ने संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की.
इस अवसर पर नगर उपाध्यक्ष डॉ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, जिला प्रमुख दिलीप कुमार दिल, विभाग संयोजक सौरव कुमार यादव,जिला संयोजक नवनीत सम्राट, नगर मंत्री अंकित आनंद, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अमोद आनंद, नीतीश यादव, जिला संगठन मंत्री सुमित कुमार यादव, मौसम कुमार, अभिषेक, अजय, सुधांशु, देवाशीष, शुभम, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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