मधेपुरा: बीएनएमयू प्रशासन द्वारा बीएड शुल्क वृद्धि के लिए सुझाव हेतु जारी आदेश पत्र के खिलाफ शनिवार को संयुक्त छात्र संगठन ने बीएनएमयू परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में प्रेस वार्ता आयोजित किया. संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं ने कहा की बीएनएमयू प्रशासन समय - समय पर शुल्क वृद्धि कर प्रयास करती है. पिछले वर्ष भी बीएनएमयू प्रशासन ने यह प्रयास किया था, लेकिन संयुक्त छात्र संगठन के आंदोलन पर शुल्क वृद्धि के आदेश को वापस लिया गया एवं बीएड शुल्क वृद्धि पूर्ववर्त बने रहने का लिखित आश्वासन भी दिया गया था. उसके साथ ही कई बार कुलपति और छात्र प्रतिनिधियों की कई बैठक भी आयोजित हुई थी जिसमे बीएड में किसी भी प्रकार की शुल्क वृद्धि नही होने पर विचार हुआ था. लेकिन आज एकबार फिर विश्वविद्यालय प्रशासन शुल्क वृद्धि करने पर आमादा है.
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन शुल्क वृद्धि के लिय षड्यंत्रकारी नीति अपना रही है. यही कारण है की शुल्क वृद्धि हेतु आम लोगों से सुझाव के लिय 11 जून को पत्र जारी किया गयाा. जिसमे सुझाव के लिय 10 दिन का समय दिया गया है लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन उस पत्र को सार्वजनिक करने के बजाय उन्हें 3 दिनों तक दबा कर रखा गया. आम छात्र और अभिभावक अपनी सुझाव नही दे सके और बीएड माफिया अपने हिसाब से शुल्क वृद्धि के पक्ष में सुझाव दे पाए. उन्होंने कहा की पत्र को तीन दिन बाद कल शाम में यूनिवर्सिटी वेबसाइट पर बेमन तरीके से दिया गया. जबकि ऐसे गंभीर और संवेदनशील मशले पर बीएनएमयू को प्रेस वार्ता कर प्रेस नोट जारी करना चाहिए ताकि यह संदेश यहां के छात्र, अभिभावक एवं यहां के आम लोगों तक पहुंचे और छात्रहित में सुझाव मिल सकेे.
जिलाध्यक्ष ने कहा की बीएनएमयू कोसी के गरीब, कमजोड़, पिछड़े और वंचित तबके के छात्रों के लिय इकलौती उम्मीद है. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन गरीबों के बच्चों से उच्च शिक्षा की यह उम्मीद भी छीनना चाहती है. विश्वविद्यालय प्रशासन जितना समय, समझ और ताकत बीएड में शुल्क वृद्धि के लिय लगा रही है अगर उतना ऊर्जा बीएनएमयू अंतर्गत सभी बीएड विभागो को सरकार से अधिग्रहण के लिय प्रयास करते तो आज स्थिति कुछ ओर होती. शिक्षक, छात्र सभी के लिय बेहतर होता.
वही छात्र जदयू के विश्विद्यालय अध्यक्ष निखिल सिंह यादव ने कहा की बीएनएमयू प्रशासन की इस मंशा को कभी कामयाब होने नही दिया जाएगा. सहरसा स्थित सरकारी बीएड कॉलेज सीटीई सहरसा 3 वर्षो से बंद है. जहां छात्र का न्यूनतम शुल्क पर नामांकन होता था लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उसको शुरू करवाने के लिय कोई प्रयास नहीं कर रही है बल्कि समय - समय पर शुल्क वृद्धि कर गरीब छात्रों को बीएड से वंचित करने की साजिश रच रही है. उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय प्रशासन की इस षड्यंत्रकारी नीति के खिलाफ संयुक्त छात्र संगठन चरणबद्ध आंदोलन करेगी.
वही आइसा जिला सचिव व आरवायए जिला संयोजक कृष्णा कुमार ने कहा की समाजवाद की धरती पर पूंजीवादी विचार का प्रयोगशाला नही बनने दिया जाएगा. विश्विद्यालय प्रशासन के सुझाव पत्र को लेकर छात्र - छात्राओं, अभिभावक, एवं आम लोगों तक लेकर जाएंगे और विश्वविद्यालय प्रशासन के साजिश को नाकाम कर दिया जायेगउ. न्होंने कहा की संयुक्त छात्र संगठन लगातार कैंपेन चलाकर छात्र - छात्राओ को अपनी राय विश्वविद्यालय द्वारा जारी ईमेल पर भेजने के लिय प्रोत्साहित किया जाएगा. उसके साथ ही शुल्क वृद्धि के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाकर विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपा जाएगा.
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से छात्रनेता शुशील कुमार, छात्र जदयू विश्वविद्यालय महासचिव सनोज कुमार, वीवी सचिव कोमल कुमार, सुधीर कुमार, एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, गम्हारिय प्रखंड संयोजक नीतीश कुमार, निरंजन कुमार आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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