अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास एवं परिचर्चा आयोजित - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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22 जून 2024

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योगाभ्यास एवं परिचर्चा आयोजित

मधेपुरा: योग महज एक शारीरिक व्यायाम मात्र नहीं है, बल्कि यह एक पूर्ण विज्ञान है. इसके माध्यम से हम पूर्ण स्वस्थ जीवन जी सकते हैं. इसलिए हम योग को मजबूरी में नहीं, बल्कि पूरे मन से अपनाएं. यह बात पतंजलि योग समिति, मधेपुरा के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार भारती ने कही. वे शुक्रवार को 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित योगाभ्यास एवं परिचर्चा कार्यक्रम में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में बोल रहे थेे. कार्यक्रम का आयोजन 3/17 बिहार बटालियन एनसीसी तथा सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के सभा भवन में किया गया. उन्होंने कहा कि भारतीय ऋषि-मुनियों का मानना था कि मानव शरीर ईश्वर की देन है. ईश्वर ने हमें स्वास्थ रूप रूप में धरती पर चराचर जगत की सेवा के लिए भेजा है. हम यह कोशिश करें कि हम जब मृत्यु को प्राप्त करें, तो ईश्वर को यह शरीर स्वस्थ रूप में सौंपें. इसके लिए यह जरूरी है कि हम भोग का त्याग करें और योग को अपनाएं. 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. के. पी. यादव ने कहा कि योग हमारे शरीर, मन एवं आत्मा के बीच समन्वय स्थापित करता है और हमें पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है. इसके माध्यम से हम दीर्घकाल तक निरोगी जीवन जी सकते हैं. यह संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति का श्रेयष्कर मार्ग है, जो पहले से ही रोग को आने से रोकने का उपाय सुझाता है. उन्होंने कहा कि योग विश्व को भारत की बहुमूल्य देन है. आज पूरी दुनिया योग की ओर आकर्षित है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस योग की वैश्विक महत्ता का प्रमाण है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रोफेसर कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर 2015 से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरूआत हुई है. इसके लिए भारत सरकार तथा विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई एवं प्रशंसा के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि आज हम कहा कि आधुनिक जीवनशैली के कारण तनाव, चिंता, हताश-निराश आदि मानसिक व्याधियों से घिरे हैं. इन व्याधियों से मुक्ति दिलाने में योग की महती भूमिका है. विशिष्ट अतिथि सिंडिकेट सदस्य कैप्टन गौतम कुमार ने कहा कि योग हमारे मन एवं शरीर के बीच सामंजस्य का प्रतीक है. यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ-साथ सामाजिक एवं आध्यात्मिक कल्याण में भी सहायक है. 


कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि योग किसी एक जाति या धर्म की निधि नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता की धरोहर है. यह सबके लिए सहज एवं सुलभ है. जो कोई भी इसका अभ्यास करेगा, उसे इसका सुफल प्राप्त होगा. धन्यवाद ज्ञापन करते हुए गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्ड कुमार ने कहा कि योग से हमारी शारीरिक एवं मानसिक शक्ति का विकास होता है. यह एकाग्रता बनाए रखने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में भी मददगार हैै. विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए. इसके पूर्व दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. अतिथियों का अंगवस्त्रम् भेंट कर स्वागत किया गया. योगगुरु ने सबों को सामान्य योग एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया. इसमें पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन और कपालभाति, भ्रामरी प्राणायम के अलावा सिंह-गर्जना एवं हास्य आदि के अभ्यास शामिल थे. सबों ने मिलकर देशभक्ति नारे भी लगाए. अंत में सबों ने ओउम् का सामूहिक उच्चार किया और चराचर जगत के कल्याणार्थ शांति-पाठ भी किया गया. इस अवसर पर सम्मानित अतिथि सुबेदार गुरभेज सिंह, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. शंकर कुमार मिश्र, पतंजलि योग समिति के संरक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव, भारत स्वाभिमान के संयोजक डॉ. एन. के. निराला, महिला जिलाध्यक्ष रूपम कुमारी, किसान प्रभारी डॉ. सुभाषचंद्र यादव, आरोग्य केंद्र के दीपक कुमार एवं रतन देवी, दर्शनशास्त्र विभाग के शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक आदि उपस्थित थे.

(रिपोर्ट:- ईमेल)

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