दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि सभी जगह सर्वजन की दवा पिलाओ अभियान चलाया जा रहा है. फायलेरिया की दवा पूरी तरह सुरक्षित है. इसलिए नि:संकोच दवाई लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें. सभी लोग स्वयं दवा पीएं एवं अपने परिजनों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित भी करें. मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद किसी-किसी को जी मिचलाना, चक्कर या उल्टी आना, सिर दर्द, खुजली की शिकायत हो सकती है. ऐसा शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होने से हो सकता है, जो दवा खाने के बाद मरते हैं. ऐसी प्रतिक्रिया कुछ देर में स्वतः ठीक हो जाती है.
एनसीसी पदाधिकारी लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने कहा कि फीलपांव यानी हाथी पांव से से बचाव के लिए सबसे पहले अपने आस-पास को साफ-सुथरा रखें एवं पानी इकट्ठा ना होने दें. समय-समय पर भी कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, प्रशिक्षक अभिषेक राय, एयूओ आदित्य रमन, यूओ अंकित कुमार, यूओ अनंत कुमार झा, यूओ नीतीश कुमार, एसजुटी वाणी कुमारी, एसजीटी खुशी कुमारी, राजीव कुमार, ब्रजनंदन कुमार, राज नंदन कुमार, केशव कुमार, राहुल कुमार, दिव्यज्योति कुमारी, मुनचुन कुमारी, गौरब कुमार, राजू कुमार, विमल कुमार, आलोक कुमार, अनिसा गुप्त, नैना कुमारी, शुक्रिया कुमारी, अनु कुमारी, नीतीश कुमार, मोनू कुमार, अमृत कुमार अंशु आदि उपस्थित थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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