मधेपुरा: ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को कार्यकर्ताओं ने बीएनएमयू का घेराव किया. प्रदर्शनकारी गौशाला परिसर से प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचे. जहां पर दर्जनों पुलिस बल पहले से तैनात थे और उन्होंने प्रदर्शनकारी आइसा के छात्रों को रोक लिय. आइसा नेताओं की मांग थी कि छात्रों की समस्याओं को लेकर कुलपति से वार्ता हो. कुलपति ने प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की बात कही. काफी नोकझोंक के बाद आइसा द्वारा पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कुलपति से वार्ता करने पहुंचे. जिसमें आइसा के राज्य सचिव शब्बीर कुमार, आइसा के सुपौल जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सियोटा, मधेपुरा जिला सचिव पावेल कुमार, कृष्णा कुमार, एजाज अहमद थे.
राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि देश भर में शिक्षा पर राजनीतिक हमले हो रहे हैं. शिक्षा का भगवाकरण किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति लाकर भाजपा सरकार छात्रों को शिक्षा से बेदखल करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि बीएनएमयू फीस वृद्दि, फंड कटौती, शिक्षा के निजीकरण, महिला हिंसा का अड्डा बना हुआ है. कैंपसों को भाड़े पर देने और बेचने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि आइसा नेता अरमान अली समेत अन्य छात्रों का निलंबन वापस लिया जाए। मुख्य मांगों में महिला परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर मिश्रा पर कार्रवाई हो, आंदोलनकारी छात्र नेताओं का पीएचडी से निलंबन वापस हो, प्रॉक्टर विमल सागर की डिग्री की जांच हो, विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित प्रशासनिक कैंपस एवं नॉर्थ कैंपस में मूलभूत सुविधा पानी, बिजली, सुरक्षा का इंतजाम हो. विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित गर्ल्स हॉस्टल अभिलंब चालू हो. मूल प्रमाण पत्र निर्गत करने की समय सीमा तय हो.
प्रदर्शन में विश्वविद्यालय संयोजक अरमान अली, राज किशोर राज, मनीष यादव विकास कुमार, क्रांति यादव, मंजेश कुमार, विजय, रमाकांत, कुंदन, श्याम कुमार, राजीव कुमार, राजकिशोर, नीरज, अभिषेक, लवकुश, मो. सौरभ, प्रीतम कुमार, कृष्ण कुमार, संजय कुमार, अमित कुमार, मनीष मेहरा, नीतीश कुमार, सोनू यदुवंशी, मयंक कुमार समेत दर्जनों छात्र मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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