मधेपुरा: शारदा सिंहा महज लोकगीतों को गाती हीं नहीं थी बल्कि इसको जीती थी. अपनी गायकी के बल पर उन्होंने विशेषकर छठ गीतों को वैश्विक पहचान दी, संगीत जगत सदैव उनके योगदानों को बड़े अदर के साथ संजोए रखेगा. उपरोक्त बातें वरीय साहित्यकार डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय और अभिप्रेरणा ऐजंल के संयुक्त तत्वावधान एवं स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य शांति देवी की अध्यक्षता में आयोजित ख्याति प्राप्त लोक गायिका शारदा सिंहा की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कही. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शारदा सिंहा ने बड़ी संजीदगी से लोक गीतों को लंबे समय तक के जीवंत कर दिया.
एलएमएनयू की संगीत एवं नाट्य विभाग की हेड प्रो (डॉ) लावण्या कृति सिंह काव्या ने शारदा से जुड़े यादों और योगदानों की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी आवाज ही उनकी पहचान थी जिसके सहारे उन्होंने अपनी पहचान स्थापित की. मिट्टी से जुड़ी अपनत्व वाली सौंधी खुशबू रूपी पहचान को निखार दिया. प्रो. अरुण कुमार बच्चन, रमन कुमार रेवती ने कहा कि शारदा सिंहा मिट्टी से जुड़ी गायिका थी. उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानों गीतों को समर्पित कर दिया. अनगिनत भूले बिसरे गीतों को उन्होंने आबाद किया उनके चाहने वालों को चाहिए कि शेष बचे हुए वैसे गीतों को निखारे जो परत दर परत धूमिल होती जा रही है यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.
इसके पहले चर्चित लोकगायिका शशिप्रभा जायसवाल, रेखा यादव ने शारदा सिंहा के गाए गीतों की प्रस्तुति से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आगाज हुआ वहीं स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय के सनाया, देवस्वी आनंद, आंचल, मोहित ने शारदा सिंहा के गीतों पर नृत्य व गीत से श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम का संचालन करते हुए युवा साहित्यकार हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कोसी की उपज और राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय फलक पर ख्यातिप्राप्त शारदा सिंहा अपने गीतों से हर दौर में जिंदा रहेंगी. विशेषतः छठ गीतों के लिए चर्चित लोक गायिका शारदा जी का छठ पूजा के मौके पर निधन संयोग बन गया.
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम संयोजक सह स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ हेमा कश्यप ने कहा कि शारदा सिंहा जी के चाहने वालों की लंबी कतार है वो आमलोगों के दिलों दिमाग पर राज करने वाली गायिका रहीं. उनके गीतों से ही छठ पूजा,वैवाहिक सहित अन्य मांगलिक आयोजन अपनी पूर्णता प्राप्त करते रहे हैं. उनकी कमी सदैव सालती रहेगी.
इस अवसर पर कुमारी पुष्पलता, रौशन कुमार, स्वर शोभिता संगीत महाविद्यालय के अर्णव राज, अंशिका आंचल, देवेश मोहित कुमार, शिव शंकर कुमार, देव, मनोज कुमार, हरिकेश, अवनि कुमारी, विकास कुमार, अविनाश कुमार, रुचि कुमारी, अभिलाषा विकास कुमार, सोनिया सिंह, आंचल कुमारी, देवशी आनंद यशस्वी आनंद, शिशा नयनम, अभिलाषा कुमारी अरुण कुमार आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर शारदा सिंहा को श्रद्धांजलि अर्पित की.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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