छठ पर्व का प्रसाद लेने से किया इनकार
छात्रों का आरोप है कि छठ पर्व के अवसर पर जब प्रसाद वितरण किया जा रहा था, तो प्राचार्या ने प्रसाद लेने से इनकार करते हुए कहा, "तुम बिहारी लोग राजनीति के लिए प्रसाद खिला रहे हो, इसे ले जाओ." छात्रों का कहना है कि यह टिप्पणी बेहद अपमानजनक थी और इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
भेदभाव के अन्य आरोप
बिहार से आए छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्राचार्या पहाड़ी छात्रों को विशेष दर्जा देती हैं और उनके साथ व्यक्तिगत रूप से अच्छा व्यवहार करती हैं, जबकि बिहार के छात्रों को हमेशा तिरस्कार झेलना पड़ता है.
बिहारी एकता समाज ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस घटना के बाद बिहारी एकता समाज ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि प्राचार्या को जल्द ही पद से नहीं हटाया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. इसके अलावा, समाज ने अगले शैक्षणिक सत्र में छात्रों को विश्वविद्यालय में दाखिला न लेने का आह्वान किया है.
प्रशासन मौन, कार्रवाई की मांग तेज
घटना को लेकर छात्रों और अभिभावकों में गहरी नाराजगी है. सभी ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन छात्रों का आक्रोश देखते हुए जल्द कार्रवाई की संभावना है.
(रिपोर्ट:- देहरादून से विशेष संवाददाता)