लखीसराय: शनिवार को राज्य स्तरीय युवा उत्सव की शुरुआत हुई. पहले दिन जिलेवार प्रतिभागियों की टोलियों ने गुलाबी ठंड के बीच बैंड बाजे की धुन पर कदमताल करते हुए उत्साह से झूमते हुए गांधी मैदान में प्रवेश किया. तोरण द्वार पर तिलक लगाकर सभी का स्वागत किया गया. इस उत्सव में 38 जिलों से 1,554 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. उद्घाटन सत्र के कार्यक्रम में जिला की प्रभारी मंत्री शीला कुमारी की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह तथा बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पीपल के पेड़ को जल अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
इस दौरान वेद विद्यालय अशोकधाम के बच्चों ने स्वस्तीवाचन एवं मंगलाचरण का पाठ किया गया. किलकारी के बच्चों के द्वारा सामूहिक रूप से बिहार गीत की प्रस्तुति की गई. कला संस्कृति विभाग की विशेष सचिव सीमा त्रिपाठी ने अपने संबोधन में युवाओं को अनुशासन के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आह्वान किया. केंद्रीय मंत्री ने युवाओं को देश का कर्णधार बताते हुए कहा कि वे चिंतन करते हुए अपने चरित्र और संबल को मजबूत कर विकास के निरंतर हो रहे प्रयास से अवगत रहें. उन्होंने राष्ट्रीय युवा उत्सव पटना में आयोजित कराने का आश्वासन भी दिया.

उद्घाटन सत्र में कला यात्रा के दौरान बेहतर प्रस्तुति के लिए पटना जिले को प्रथम, मधुबनी को द्वितीय तथा लखीसराय को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कला विभाग से बिहार की पांच भाषाओं को मिलाकर गीत तैयार करने का अनुरोध किया. सोमवार 2 दिसंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में राज्य के रचनाशील युवाओं को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच मिलेगा. इस तीन दिवसीय महोत्सव में करीब 19 विधाओं के युवा केंद्रित कार्यक्रम जैसे नृत्य, संगीत, भाषण, फोटोग्राफी प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, प्रदर्शन कलाओं से जुड़े आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, चित्रकला और प्रदर्शनी इत्यादि का आयोजन होगा. इन प्रतियोगिताओं के बाद सराहनीय और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं को प्रोत्साहित भी किया जाएगा.
बता दें कि इस बार राज्यस्तरीय युवा उत्सव में एक नया नियम सुनने को मिल रहा है. संगत कलाकार की उम्र भी 15 से 29 निर्धारित कर दी गई है, जबकि पहले संगत कलाकार की कोई उम्र सीमा तय नहीं थी. इनकी उम्र को 15 से 35 को घटाकर 15 से 29 कर दिया गया है. सभी जिलों में कला संस्कृति पदाधिकारी नियुक्त होने पर कलाकारों को बेहतर सुविधा मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन पहले से भी बदतर सुविधा दी जा रही है. एक बात का और पता चला कि जब जिला से लिस्ट बनाकर राज्य को भेज ही दिया गया था तो फिर से वहाँ पर प्रतिभागियों से उनका आधार कार्ड मांगते हुए उन्हें अपना वेरिफिकेशन करवाने के लिए कहा गया.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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