मधेपुरा: विगत कई वर्षों से कुछ लोगों द्वारा गलतफहमी पैदा किए जाने के कारण महामना कीर्ति नारायण मंडल की जयंती और पुण्यतिथि पर जारी विवाद पर पूर्णविराम लगाने और उनके परिजन द्वारा पुष्टि किए गए तारीख को अंकित करने पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ के जिला संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने टी पी कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. के. पी यादव से उनके वेशम में मुलाकात कर बधाई दी है और कहा कि कीर्ति नारायण मंडल की जयंती और पुण्यतिथि पर जारी गतिरोध पर लगे पूर्ण विराम से आगे भव्य रूप से आयोजनों की संभावना बढ़ेगी।कुछ लोगों द्वारा तारीखी असमंजस्य के कारण जयंती पुण्यतिथि पर आयोजन खुलकर नहीं हो रहे थे. वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल सरीखे महामना की जयंती और पुण्यतिथि पर विवाद का दौर बहुत दुखद रहा उस दौरान हद तो तब हो गई जब पिछले साल सात मार्च को कई जगह पुण्यतिथि मनी तो विश्वविद्यालय परिसर के शिक्षा शास्त्र विभाग ने पुण्यतिथि के दिन ही जयंती मना दी जिसपर एआईवाईएफ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए इसे अक्षम्य अपराध बताया था और कहा था कि इसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है. राठौर ने कहा कि कीर्ति नारायण मंडल वो हस्ती हैं जिन्हें कोसी का मालवीय, शिक्षा जगत का विश्वकर्मा तक कहा जाता है टीपी कॉलेज में कई वर्ष पहले स्थापित उनकी प्रतिमा पर अंकित जयंती और पुण्यतिथि की तारीख पर एआईवाईएफ ने उसी समय ऐतराज जताते हुए उक्त तारीखों पर असहमति जताई थी तब कॉलेज ने उक्त तिथि को कई शिक्षाविदों द्वारा पुष्टि की बात कही थी तब एआईवाईएफ टीम ने उसको मिशन के रूप में लिया और उनके वास्तविक परिजन से संपर्क साधा उनके पुत्र बिजेंद्र बाबू ने सात अगस्त को जयंती और सात मार्च को पुण्यतिथि की डॉक्यूमेंट्री पुष्टि वंशवृक्ष रूपी साक्ष्य के साथ की. वहीं दूसरी तरफ टी पी कॉलेज ने भी इसे गंभीरता से लिया और प्रधानाचार्य के साथ एन एन एस पदाधिकारी डॉ सुधांशु शेखर ने गहराई से छानबीन शुरू की जिसमें एआईवाईएफ की मांग जायज साबित हुई और अंततः उनकी पुण्यतिथि महीने मार्च में ही तिथि को सुधार कर लिया गया. राठौर ने कहा कि यह बेवजह उपजे विवाद का सकारात्मक पटाक्षेप रहा अब कीर्ति नारायण मंडल की जयंती निर्विवाद रूप से सात अगस्त और पुण्यतिथि सात मार्च को मनाई जा सकेगी. राठौर ने टी पी कॉलेज के सकारात्मक पहल और रुख के लिए आभार व्यक्त किया वहीं कहा कि अन्य जगहों पर स्थापित प्रतिमा स्थल पर अंकित गलत तिथियों को सुधारने की दिशा में भी पहल किया जाएगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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