केंद्र सरकार द्वारा आभूषण के निर्माण पर लगाए गए एक्साइज ड्यूटी के विरोध में जिले का सर्राफा बाजार पिछले 13 दिनों से बंद है. ज्ञात हो कि नए बजट के अनुसार आभूषण बनाने पर एक प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी लगाकर सरकार ने स्वर्णकार पर अतिरिक्त बोझ दिया है. हालांकि सरकार का कहना है कि इस प्रकार के टैक्स से स्वर्ण व्यवसाय में होने वाले धांधली को कम किया जा सकता है. स्वर्णकार इसी एक्साइज ड्यूटी से परेशान हैं और 2 मार्च से ही धरने पर बैठे हैं. कई सरकार ने किया है एक्साइज ड्यूटी का प्रयोग : सनद रहे कि 1963 में गोल्ड कंट्रोल एक्ट लागू हुआ. 27 साल लागू रहा. काले कानून की वजह से लाखों छोटे सर्राफा कारोबारी बेरोजगार हुए, कारोबार बंद हुआ. सरकार सतर्क हुई और कानून वापस ले ली. वहीं प्रयोग फिर से 1990 में, 2005 में, 2012 में भी हुआ. विरोध के बाद हर बार सरकार पीछे हट गई. इस बार क्या है प्रयोग सरकार ने नए बजट प्रस्ताव में ज्वैलरी पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क के साथ साथ दो लाख से ज्यादा नकद भुगतान कर खरीदने पर पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है. जिला स्वर्ण व्यवसायी संघ के अध्यक्ष इन्द्रदेव स्वर्णकार बताते हैं कि हमारी स्थिति दिन-ब-दिन बदहाल होती जा रही है. हमने अपने-अपने दुकान बंद कर नमो ही स्टॉल खोला है जिसमें सोने के तर्ज पर 24 कैरेट कॉफी एवं 22 कैरेट चाय की व्यवस्था है. वहीं जिला उपाध्यक्ष राज कुमार स्वर्णकार कहते हैं कि हम व्यापारी हैं और टैक्स देना हमारा कर्त्तव्य है. इस बाबत सरकार हमसे टैक्स लें पर परेशान नहीं करें. एक्साइज ड्यूटी से हमें समस्या होगी. संघ के महामंत्री धीरेन्द्र स्वर्णकार कहते है कि इस व्यवसाय में कम पढ़े-लिखे लोग भी हैं. एक्साइज ड्यूटी के खातिर हमें अकाउंट बुक तैयार करना पड़ेगा. चूक होने पर फंस सकते हैं, ऐसे में डर से धंधा ही बंद कर देंगे. संघ के सचिव अनिल स्वर्णकार कहते हैं कि इस व्यवसाय में पूरे भारत में डेढ़ृ करोड़ लोग काम करते हैं. इस नियम के लागू होने से सबका जीना मुहाल हो जायेगा. कोषाध्यक्ष मदन सोनी कहते हैं कि करेंट एकाउंट डेफसिट कानून का मतलब है सोने का आयात ज्यादा और निर्यात कम. ऐसे में सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी. स्वर्ण व्यवसायी बलराम सोनी कहते हैं कि एक्साइज ड्यूटी से अफसरशाही को बल मिलेगा. ऐसे में स्वर्ण व्यवसायी का शोषण होगा. स्वर्ण व्यवसायी मनोज सोनी, संजय सोनी, राजा, चंदन, पारस सोनी ने भी इस अतिरिक्त कर पर अपनी राय जाहिर की. इन्होंने कहा कि ये आंदोलन हम अनिश्चितकाल तक जारी रखेंगे, जब तक सरकार हमारे मांगों पर ध्यान नहीं देती है.
(रिपोर्ट:मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)
(रिपोर्ट:मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा)