मेले की तैयारी को लेकर असमंजस की स्थिति मे है न्यास के कर्मी महाशिवरात्री के अवसर पर लगने वाला मेला के शुरु होने मे महज कुछ ही दिन ही बचे है. लेकिन मेला को लेकर न्यास समिति की एक भी बैठक न्यास समिति के द्वारा नही किया गया हैं. न्यास समिति के अध्यक्ष सचिव और सदस्यो की अनरुदी कलह का असर मेला पर रहा है जिसका असर मेला मे दिखाई भी दे रहा हैं. हलाकि मेले की तैयारी मे न्यास के कर्मी अपनी ओर से कोई कसर नही छोडना चाहती है. लेकिन तैयारी के वावत किसी और सदस्यो का सहयोग नही मिलने का असर साफ दिख रहा है. पुरे मेले मे फैले सडक निर्माण की सामग्री मानो मेले का उपहास उडा रहा.
शिव विवाह के अवसर पर निकलती है बाबा की बारात
महाशिवरात्री के अवसर पर बाबा मंदिर से बाबा भोले नाथ की भव्य बारात निकलकर गाजे बाजे के साथ गौडीपुर स्थित माता पार्वती के यहा पहुचंती है. जहा गौडीपुर निवासी बारातीयो का स्वागत आम बारातियो की तरह करती है. बारात की झाकी निराली होती है जिसमे स्थानिय लोग भुत प्रेत और तरह तरह के भेस मे लोग शामिल होते है, बारात की छटा देखते ही बनती है उस दिन सिहेश्वर मे काफी मात्रा मे श्रद्धालू पहुचते है और अहले सुबह भोले नाथ पर जलाभिशेक कर मन्नत मागते है. भगवान अशुतोश सब की मन्नत पुरी करते है ऐसी मान्यता है.
काफी पुराना है सिहेश्वर मेला
कहा जाता है कि पहले मेले मे आकर अपने लोग साल भर की खरीदारी किया करते थे. 1892 मे भारत दर्शन के लेखक ने भारत भ्रमण के बाद लिखा कि था महाशिवरात्री के अवसर पर यहा एक बहुत बडा मेला लगता है जो दो सप्ताह तक चलता है. इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि काफी प्राचीन है. पुर्व मे यहा हाथी धोडा गाय बैल बकडी तोता मैना की खरीद बिक्री ज्यादा तौड पर होती थी. आज कल मेला ज्यादातर मनोरंजन का साधन बन का रह गया है.
सज रहा है मेले मे सभी तरह की दुकाने
मेले मे ज्यादातर दुकाने प्रर्दशनी स्थल मीना बजार खाशकर झुले की संख्या मे बहुत ही इजाफा हुआ है. दोनो थियेटर और मौत का कुआ जादु का दुकान सजकर तैयार है. शिवगंगा मे बैरिकेटिग और चुने का छिडकाव किया जा रहा है. काफी फजीहत के बाद मंदिर के रंग रोगन का काम भी किया जा रहा है.
(रिपोर्ट: सिहेश्वर:-सुमित सुमन)
(रिपोर्ट: सिहेश्वर:-सुमित सुमन)