गौरवशाली इतिहास है मधेपुरा जिला का - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

10 मई 2016

गौरवशाली इतिहास है मधेपुरा जिला का


10/05/2016 सोमवार को मधेपुरा जिला ने अपना गोरवशाली 35 वर्ष पूरा किया. जिले के 35वें स्थापना दिवस के शुभअवसर पर बिभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. सुबह छह बजे से स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली. इस दौरान सुंदर मधेपुरा, स्वच्छ मधेपुरा, बेटी बचाओं, नशा मुक्त समाज के निर्माण से संबंधित नारे बच्चों द्वारा लगाये जा रहे थे. शहर के मुख्य मार्ग से होकर प्रभात फेरी बायपास होते हुए पुन: अपने-अपने विद्यालय को लौट गए. विकास का संकल्प लेकर लगायी दौड़ भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के गेट से दर्जनों प्रतिभागियों ने मधेपुरा के विकास का संकल्प लेकर दौड़ लगायी. इस दौड़ को हरी झंडी दिखाते हुए डीएम मो सोहैल ने कहा कि मधेपुरा हमेशा विकास के पथ पर इसी तरह बढ चढ कर अपनी दौड़ मुकम्मल करें. उन्होंने कहा कि जिले को एक नया स्वरूप देने की कवायद शुरू हो गयी है. जल्द ही मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत आइटीआइ कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेज यहां खोला जायेगा. इस मौके पर एसपी विकास कुमार, एसडीएम संजय कुमार निराला, एनडीसी मुकेश कुमार, उत्पाद अधीक्षक महेश्वर दत्त मिश्र समेत अन्य अधिकारी एवं खेल प्रशिक्षक संत कुमार आदि उपस्थित थे. दौड़ स्टेडियम में पहुंचकर समाप्त हुई. इस दौड़ में उदय कुमार मेहता प्रथम, विभूति कुमार द्वितीय एवं दीपक कुमार तृतीय स्थान पर रहे. सभी विजयी प्रतिभागियों को सांस्कृतिक कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया.
 गौरवशाली इतिहास है मधेपुरा जिला का 
लंबे संघर्ष के बाद 135 वर्ष पुराना अनुमंडल बना था जिला, भागलपुर जिले में सदर अनुमंडल के बाद तीन अनुमंडल मधेपुरा (1845), बांका (1863) एवं सुपौल (1870) में बने. तब मधेपुरा अनुमंडल में मात्र तीन थाने थे. सदर थाना मधेपुरा, बनगांव थाना, उदाकिशुनगंज थाना. वहीं ब्रिटिश प्रशासन ने मधेपुरा में 1844 में सिविल कोर्ट की स्थापना की.  सौ वर्षो के बाद 1945 से मधेपुरा में सबजज का न्यायालय स्थापित होकर कार्यारंभ कर दिया, जिसे सिविल मामलों के निष्पादन का भी अधिकार मिला था, जो संपूर्ण मधेपुरा एवं सुपौल अनुमंडलों के मामलों की सुनवाई किया करता था. जब प्रशासनिक दृष्टिकोण से भागलपुर जिले के उत्तरी भाग में स्वतंत्र जिले के निर्माण का प्रश्न आया तो 109 वर्ष पुराना मधेपुरा अनुमंडल के औचित्य को नकारकर एक अप्रैल 1954 को सहरसा को जिला घोषित किया गया. क्योंकि तब सहरसा बनगांव थाने के अंदर था, बनगांव थाना द्वारा शासित होता था. आगे पच्चीस वर्षों तक मधेपुरा अनुमंडल को जिला का दर्जा दिलाने हेतु मधेपुरा के जननेता स्वतंत्रता सेनानी भूपेंद्र नारायण मंडल, महताब लाल यादव, कुदरत उल्लाह, तनुकलाल यादव सहित मधेपुरा के तमाम बुद्धिजीवियों, छात्र नौजवानों द्वारा निरंतर जुलूस-धरना-प्रदर्शन यहां तक कि रेलगाड़ी को भी रोकने का प्रयास किया जाता रहा और इस अभियान में तमाम लोग लगे रहे. मधेपुरा ने अनुमंडल के रूप में 135 वर्ष की संघर्षपूर्ण यात्रा पूरी कर नौ मई 1981 को जिला बनने का गौरव हासिल किया.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन 
35वें जिला स्थापना दिवस पर संध्या के समय सोमवार को बीएन मंडल स्टेडियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार एवं स्कूली छात्रों ने अपनी एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया. कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन आपदा मंत्री सह विधायक प्रो. चन्द्रशेखर, विधान पार्षद विजय वर्मा, जिलाधिकारी मो०. सोहैल एवं एडीजे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. डीडीसी मिथिलेश कुमार की अध्यक्षता में कार्यक्रम चला. सर्वप्रथम शशिप्रभा ने स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम का आगाज किया. उसके बाद स्थानीय होली क्रॉस स्कूल के बच्चों ने “मोहे रंग दो लाल” पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. जबकि छोटी सी बच्ची शिवाली ने गाई गीत “प्रभु तेरो नाम सदा सुखदायी” को दर्शकों ने खूब भाया. स्वर शोभिता के बच्चें द्वारा “डफली वाले  डफली बजा” नृत्य प्रस्तुति दी. मधेपुरा कालेज की छात्रा आरती कुमारी के द्वारा गाये गये शास्त्रीय गीत “रे मांझी, खोल तेरी पतवार” सुनकर लोगों ने खड़े होकर कुछ देर तक तालियां बजा कर हौंसला अफजाई किया. माया विद्या निकेतन के बच्चों ने जहां मोहे रंग दे लाल पर सामूहिक नृत्य पेश कर लोगों की वाहवाही लूटी. स्थानीय बच्चों ने राम-लीला की प्रस्तुति से लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ी. मिटाय दअ भ्रष्टाचार हो वाले गीत पर भी लोगों ने खूब तालियां बजाई. हिपटॉप, तेरी गलियां, नाच मेरी जाना, जश्ने इश्का, मोरया गीत व ¨पगा गीत को भी दर्शकों ने खूब सराहा. डॉ. रवि रंजन व प्रो. रीता यादव के गीत व तबला वाहन ने पूरे माहौल में अपने रंग बिखेर दी. तमाम दर्शक आनंदातिरेक से संगीत के रसों का भरपुर रसास्वादन किया. स्थापना दिवस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के मौके पर मंत्री ने कहा कि जिले में विकास के काफी कार्य हो रहे हैं। लोगों को एक होकर जिले के विकास में सहभागिता निभानी है। जिलाधिकारी ने कहा कि 35वें स्थापना दिवस जिले के लिए विकास दिवस के रूप में याद किया जायगा। मजदूरों के पलायन रोकने की कवायद में जिला प्रशासन जुटी हुई है। जिले में दो आईटीआई कालेज के साथ-साथ, जीएनएम, एएनएम व पारा मेडिकल कालेज जल्द ही शुरू होने के दौर में हैं.
(रिपोर्ट: मधेपुरा:- गरिमा उर्विशा / अमित आनंद)

Post Bottom Ad

Pages