मधेपुरा 08/01/2018
आरएम कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ. आरबीझा को बीएनएमयू के कुलानुशासक डॉ. अरविन्द खां ने पिटाई और जमकर गाली-गलौज किया.
मामला यह है कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. अरविंद खां अपने बेटे का बीएड में नामांकन करवाने प्रतिकुलपति के सिफारिश पर आरएम कॉलेज गए हुए थे. उनके बेटे को कम अंक रहने कारण प्रधानचार्य ने नामांकन लेने से मना कर दिया.
बस इसी बात को लेकर बीएनएमयू के कुलानुशासक भड़क गए और आरएम कॉलेज के प्रधानचार्य से गाली गलौज, मारपीट व धमकी देकर देख लेने की बात कहा. वही बीएनएमयू के कुलपति डॉ. एके राय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब करवाई कर प्रॉक्टर को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया.
वही इस मामले को लेकर प्रॉक्टर से सात दिनों के अंदर जबाब मांगा गया.
आरएम कॉलेज सहरसा के प्राचार्य डॉ. आरबीझा को बीएनएमयू के कुलानुशासक डॉ. अरविन्द खां ने पिटाई और जमकर गाली-गलौज किया.
मामला यह है कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. अरविंद खां अपने बेटे का बीएड में नामांकन करवाने प्रतिकुलपति के सिफारिश पर आरएम कॉलेज गए हुए थे. उनके बेटे को कम अंक रहने कारण प्रधानचार्य ने नामांकन लेने से मना कर दिया.
बस इसी बात को लेकर बीएनएमयू के कुलानुशासक भड़क गए और आरएम कॉलेज के प्रधानचार्य से गाली गलौज, मारपीट व धमकी देकर देख लेने की बात कहा. वही बीएनएमयू के कुलपति डॉ. एके राय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अविलंब करवाई कर प्रॉक्टर को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया.
वही इस मामले को लेकर प्रॉक्टर से सात दिनों के अंदर जबाब मांगा गया.
क्या है पूरा मामला:
कम अंक के वाबजूद हो रहा था नामांकन जिसका प्राचार्य ने किया था विरोध. जनरल कैटेगिरी में 67 मार्क्स लाना था, लेकिन प्रॉक्टर के बेटे को था मात्र 34 अंक. मारपीट का विडियो प्रतिकुलपति को 5 जनवरी 2018 को मिल गया था.
लेकिन इतने बड़े घटना को प्रोवीसी इसलिए लीपापोती कर रहे थे, क्योंकि उन्हीं के लेटर के आधार पर हो रहा था और इसकी भनक तक नहीं लगने दिया कुलपति और कुलसचिव को। प्रतिकुलपति का काम होता है सिर्फ स्नातक तक के मामलों को देखना.
लेकिन इतने बड़े घटना को प्रोवीसी इसलिए लीपापोती कर रहे थे, क्योंकि उन्हीं के लेटर के आधार पर हो रहा था और इसकी भनक तक नहीं लगने दिया कुलपति और कुलसचिव को। प्रतिकुलपति का काम होता है सिर्फ स्नातक तक के मामलों को देखना.