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27 जनवरी 2018

संविधान किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, भाषा एवं क्षेत्र किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है


मधेपुरा 27/01/2018
26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ. हमारा संविधान किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, भाषा एवं क्षेत्र किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है. यह दुनिया में  एक आदर्श संविधान है.
              यह बात कुलपति डॉ . अवध किशोर राय ने कही. वे गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कुलपति कार्यालय परिसर में झंडोत्तोलन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर कुलपति ने गणतंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भावी कार्य योजनाओं की भी जानकारी दी.
                     कुलपति ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है. इसमें सभी नागरिकों को सामाजिक,आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय सुनिश्चित करने का आदर्श प्रस्तुत किया गया है. साथ ही यह सबों के लिए  स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुता की गारंटी देता है. कुलपति ने कहा कि संविधान में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी चर्चा है. हम समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें.
                                                   कुलपति ने कहा कि हम विश्वविद्यालय के प्रति समर्पित रहें. केवल यह न सोचें कि विश्वविद्यालय ने हमारे लिए क्या किया. बल्कि यह भी सोचें कि हम विश्वविद्यालय के लिए क्या कर सकते हैं. कुलपति ने कहा कि बीएनएमयू में संसाधनों का घोर अभाव है. इसके बावजूद हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं. यदि हौसला बुलंद हो, तो सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है. "मंजिलें उनको मिलती  हैं, जिनके सपनों में जान होती है. 
                                    सिर्फ पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है." इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, वित्त परामर्शी सी. आर. डिगवाल, डीएसडब्लू डॉ. अनिल कांत मिश्र, सिंडीकेट सदस्य डॉ. परमानंद यादव, डॉ. अजय कुमार, डॉ. जवाहर पासवान, कुलसचिव डॉ. नरेन्द्र श्रीवास्तव, परिसंपदा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, खेल सचिव मनोरंजन प्रसाद, वित्त पदाधिकारी हरकेश नारायण सिंह, डॉ. अरूण कुमार,  पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे.
प्रति कुलपति ने किया झंडोत्तोलन
‬गणतंत्र के चार स्तंभ हैं, विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं खबरपालिका. ये चारों स्तंभ अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएँ, तभी गणतंत्र सफल होगा. यह बात प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही. वे शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर नये कैम्पस में झंडोत्तोलन के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे.प्रति कुलपति ने कहा कि हमारा लोकतंत्र मजबूती से आगे बढ रहा है.
                                  खतरे की घङी में हम एक हो जाते हैं. प्रति कुलपति ने कहा कि हम अन्याय एवं शोषण के खिलाफ मुखर होकर बोले. "सच कहना यदि बगावत है, तो समझो हम भी  बागी हैं."इस अवसर सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डाॅ. शिवमुनि यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवीन कुमार, डॉ. आर. के. पी. रमण, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. प्रज्ञा प्रसाद आदि उपस्थित थे.

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