मधेपुरा 03/01/2018
आतंकिस्तान के नाम से प्रचलित देश 'पाकिस्तान' में नए वर्ष की एक ट्वीट तबाही ला देगी ये किसी ने सोचा भी नहीं था. सर्जिकल स्ट्राइक की तरह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ये ट्वीट ने जहाँ पूरे पाकिस्तान सरकार का होश उड़ा दिया है वहीं भारत के लिए ये एक बड़ी जीत कही जा सकती है.
इस ट्वीट में ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह है,जो आतंकियों को संरक्षण ही नहीं बल्कि देश के हरेक गतिविधि में शामिल करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को धोखेबाज करार देते हुए कहा कि हमने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर का सहायता दिया जबकि बदले में धोखे और झूठ के सिवा पाक से हमें कुछ नहीं मिला. जिसके तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन द्वारा ये पुष्टि कि गई कि अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान को सैन्य मदद के रूप में मिलने वाली 255 मिलियन डॉलर की मदद बंद कर दी गई है.
हालांकि नए वर्ष में पाक को अमेरिका का ये तोहफा काफी खटका जिसके बाद पाक के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि "इंशाअल्लाह हम ट्रंप के ट्वीट का जबाब बहुत जल्द देंगे" और दुनिया को सच से रूबरू करवाएंगे. वहीं पाकिस्तानी रक्षा मंत्री द्वारा कहा गया कि हमने अमेरिका का हर हाल में साथ दिया है,हमने उन्हें जमीन और हवाई रास्ते से संचार की सुविधा दी जिसके बदले हमें सिर्फ गालियाँ मिली.
दूसरी ओर कुछ दिनों पहले पाकिस्तान में जमात-उद-दावा की एक रैली में मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ फलस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली के मंच साझा किए जाने को लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद फलस्तीन सरकार ने पाकिस्तान में अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला लेते हुए कहा कि वो हर हाल में आतंक विरोधी गतिवीधि में भारत सरकार के साथ है.
इन सभी बातों को देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के द्वारा आतंकी संगठनों को पनाह दिए जाने और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई ना किए जाने से अमेरिकी प्रशासन ही नहीं लगभग सभी आतंक-विरोधी देश भारत के साथ खड़ा हैं. जिसका साक्ष्य ट्रंप के ट्वीट में देखा जा सकता है और यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सभी आतंक विरोधी मुल्कों के लिए सुकून की खबर है.
आतंकिस्तान के नाम से प्रचलित देश 'पाकिस्तान' में नए वर्ष की एक ट्वीट तबाही ला देगी ये किसी ने सोचा भी नहीं था. सर्जिकल स्ट्राइक की तरह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ये ट्वीट ने जहाँ पूरे पाकिस्तान सरकार का होश उड़ा दिया है वहीं भारत के लिए ये एक बड़ी जीत कही जा सकती है.
इस ट्वीट में ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह है,जो आतंकियों को संरक्षण ही नहीं बल्कि देश के हरेक गतिविधि में शामिल करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को धोखेबाज करार देते हुए कहा कि हमने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर का सहायता दिया जबकि बदले में धोखे और झूठ के सिवा पाक से हमें कुछ नहीं मिला. जिसके तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन द्वारा ये पुष्टि कि गई कि अमेरिका के द्वारा पाकिस्तान को सैन्य मदद के रूप में मिलने वाली 255 मिलियन डॉलर की मदद बंद कर दी गई है.
हालांकि नए वर्ष में पाक को अमेरिका का ये तोहफा काफी खटका जिसके बाद पाक के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि "इंशाअल्लाह हम ट्रंप के ट्वीट का जबाब बहुत जल्द देंगे" और दुनिया को सच से रूबरू करवाएंगे. वहीं पाकिस्तानी रक्षा मंत्री द्वारा कहा गया कि हमने अमेरिका का हर हाल में साथ दिया है,हमने उन्हें जमीन और हवाई रास्ते से संचार की सुविधा दी जिसके बदले हमें सिर्फ गालियाँ मिली.
दूसरी ओर कुछ दिनों पहले पाकिस्तान में जमात-उद-दावा की एक रैली में मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ फलस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली के मंच साझा किए जाने को लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद फलस्तीन सरकार ने पाकिस्तान में अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला लेते हुए कहा कि वो हर हाल में आतंक विरोधी गतिवीधि में भारत सरकार के साथ है.
इन सभी बातों को देखते हुए साफ तौर पर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के द्वारा आतंकी संगठनों को पनाह दिए जाने और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई ना किए जाने से अमेरिकी प्रशासन ही नहीं लगभग सभी आतंक-विरोधी देश भारत के साथ खड़ा हैं. जिसका साक्ष्य ट्रंप के ट्वीट में देखा जा सकता है और यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सभी आतंक विरोधी मुल्कों के लिए सुकून की खबर है.
(रिपोर्ट: मधेपुरा :- गौरव)