मधेपुरा 12/02/2018
टीपी काॅलेज को हमारे पूर्वजों ने अपने खून-पसीने से सिंच कर बनाया है. यह काॅलेज विश्वविद्यालय की धरोहर है. इस धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करना हम सबों का धर्म है.
यह बात टीपी काॅलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. परमानंद यादव ने कही. वे सोमवार को काॅलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग में आयोजित मिलन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि इस महाविद्यालय के निर्माण में कई महापुरुषों की महती भूमिका रही है.
हम उन महापुरुषों के आदर्शों के अनुरूप कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें अपने महाविद्यालय की सकारात्मक छवि बनानी है. यहाँ पठन-पाठन का माहौल बनाना है. यहाँ के विद्यार्थियों का रिजल्ट सबसे बेहतर हो और वे सभी क्षेत्रों में अव्वल आएं.
प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षक समाज के सामने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें. उनके आचार-विचार का समाज पर काफी असर होता है. मुख्य अतिथि समाजसेवी संतोष कुमार प्राणसुखका ने कहा कि यह काॅलेज कई लोगों के त्याग-तपस्या से बना है.
उनमें उनके परदादा सागरमल प्राणसुखका का नाम भी शामिल है. आगे वे यहाँ उनके नाम पर एक प्यायू लगाना चाहते हैं. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. सभी अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्रम् एवं पुस्पगुच्छ देकर किया गया.
अतिथियों का स्वागत अभिषद् सदस्य सह शिक्षाशास्त्र विभाग के समन्वयक डॉ. जवाहर पासवान ने किया. संचालन शिक्षाशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ. ललन प्रकाश सहनी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रभारी अध्यक्ष अमित कुमार ने किया.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रदीप अग्रवाल, डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डॉ. सुमन कुमार झा, डाॅ. मुमताज आलम, डाॅ. मनोज कुमार, डाॅ. वीणा कुमारी, डाॅ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. सुधांशु शेखर, विजया कुमारी, डाॅ. आशुतोष कुमार झा, ललन कुमार, डाॅ. कुमार ऐश्वर्य, डाॅ. अशोक कुमार अकेला, विनीत राज, रंजीत कुमार सिंह, सुप्रिता, नीतू पाल, रानी कुमारी, विवेकानंद, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे.
टीपी काॅलेज को हमारे पूर्वजों ने अपने खून-पसीने से सिंच कर बनाया है. यह काॅलेज विश्वविद्यालय की धरोहर है. इस धरोहर को संरक्षित एवं संवर्धित करना हम सबों का धर्म है.
यह बात टीपी काॅलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. परमानंद यादव ने कही. वे सोमवार को काॅलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग में आयोजित मिलन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि इस महाविद्यालय के निर्माण में कई महापुरुषों की महती भूमिका रही है.
हम उन महापुरुषों के आदर्शों के अनुरूप कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि हमें अपने महाविद्यालय की सकारात्मक छवि बनानी है. यहाँ पठन-पाठन का माहौल बनाना है. यहाँ के विद्यार्थियों का रिजल्ट सबसे बेहतर हो और वे सभी क्षेत्रों में अव्वल आएं.
प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षक समाज के सामने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें. उनके आचार-विचार का समाज पर काफी असर होता है. मुख्य अतिथि समाजसेवी संतोष कुमार प्राणसुखका ने कहा कि यह काॅलेज कई लोगों के त्याग-तपस्या से बना है.
उनमें उनके परदादा सागरमल प्राणसुखका का नाम भी शामिल है. आगे वे यहाँ उनके नाम पर एक प्यायू लगाना चाहते हैं. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. सभी अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्रम् एवं पुस्पगुच्छ देकर किया गया.
अतिथियों का स्वागत अभिषद् सदस्य सह शिक्षाशास्त्र विभाग के समन्वयक डॉ. जवाहर पासवान ने किया. संचालन शिक्षाशास्त्र विभाग के शिक्षक डॉ. ललन प्रकाश सहनी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रभारी अध्यक्ष अमित कुमार ने किया.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रदीप अग्रवाल, डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, डॉ. सुमन कुमार झा, डाॅ. मुमताज आलम, डाॅ. मनोज कुमार, डाॅ. वीणा कुमारी, डाॅ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. सुधांशु शेखर, विजया कुमारी, डाॅ. आशुतोष कुमार झा, ललन कुमार, डाॅ. कुमार ऐश्वर्य, डाॅ. अशोक कुमार अकेला, विनीत राज, रंजीत कुमार सिंह, सुप्रिता, नीतू पाल, रानी कुमारी, विवेकानंद, दीपक कुमार आदि उपस्थित थे.