मंजिलें उनको मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

Home Top Ad

Post Top Ad

4 फ़रवरी 2018

मंजिलें उनको मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है

मधेपुरा 04/02/2018 
बीएनएमयू दो प्रमंडलों के अंतर्गत पड़ने वाले सात जिलों में फैला है. इसकी सीमाएँ नेपाल की तराई से लेकर बंग्लादेश की सीमा तक फैली हुई हैं. यह कोशी अंचल, मिथिलांचल एवं सीमांचल का इलाका है.
          यह इलाका लगातार विभिन्न आपदाओं से पीड़ित रहा है और यह विश्वविद्यालय भी आपदाओं-विपदाओं से घिरा रहा है. लेकिन आपदाओं-विपदाओं से घबड़ाने की जरूरत नहीं है. हम अपने सत्कर्मों के बल पर आपदाओं-विपदाओं को कम कर सकते हैं. अपने पुरुषार्थ से अपनी नियति बदल सकते हैं-अपना नया भाग्य लिख सकते हैं.
                    यह बात बीएनएमयू के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कही. वे शनिवार को सीनेट के 18वें वार्षिक अधिवेशन में अध्यक्षीय संबोधन प्रस्तुत कर रहे थे. कुलपति ने कहा कि यदि हौसला बुलंद हो, तो सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है. "मंजिलें उनको मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. सिर्फ पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है.
                  "कुलपति ने कहा कि उन्होंने बीएनएमयू के समग्र विकास का, उसे राष्ट्रीय ख्याति दिलाने का सपना देखा है. उनका सपना है कि सभी गर्व से कहें कि हम बीएनएमयू के हैं, बीएनएमयू हमारा है. कुछ छोटी-मोटी बाधाएँ हैं, लेकिन आप सबों के सहयोग से हम उन्हें दूर कर लेंगे. विध्न-बाधाओं से हमारे कदम रूकेंगे नहीं, बल्कि और भी तेज एवं मजबूती के साथ आगे बढ़ेंगे.
                जैसा कि श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा है, "निंद कहाँ उनकी आँखों में, जो धून के मतवाला हैं. गति की तृष्णा बढ़ जाती है, जब पद में  पङता छाले हैं. "कुलपति ने कहा कि हम सब विश्वविद्यालय के विकास में अपनी-अपनी क्षमताओं का सकारात्मक उपयोग करें और विश्वविद्यालय को अपनी सर्वोत्तम सेवा दें. हम केवल यह नहीं सोचें कि हमारे विश्व विद्यालय ने हमारे लिए क्या किया, बल्कि यह भी सोचें कि हम विश्वविद्यालय के लिए क्या कर सकते हैं.

                           कुलपति ने कहा कि हम इस विश्व विद्यालय के हित में जो कुछ भी कर सकते हैं, वह अविलंब करना शुरू करें. हम अंधेरे को कोसने की बजाय एक चिराग जलाएं. हम सब एक-एक चिराग जलाएंगे, तो एक दीपमाला बनेगी और अंधेरा दूर हो जाएगा और चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलेगा. फिर हमारे विश्वविद्यालय के बारे में सकारात्मक धारणा बनेगी और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी नई पहचान कायम होगी.
                          यही हमारा एकमात्र  मकसद है. बीएनएमयू की सूरत बदलनी हैं. दुष्यंत कुमार के शब्दों में, "हो गयी है पीर पर्वत सी पीघलनी चाहिए. इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए. सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं. अपनी कोशिश है कि सूरत बदलनी चाहिए."सीनेट की 18वीं वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति ने अपने आठ माह के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं. मालूम हो कि वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में सीनेट की यह पहली बैठक थी.
                    कुलपति ने  29 मई 2017 को योगदान दिया था. इनके योगदान के साथ ही विश्वविद्यालय का मौसम बदलने लगा और उनके योगदान के आठ माह पूरे होने पर आज सबकुछ बदला-बदला सा लग रहा है. विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में  इसी बदलाव एवं विकास को केंद्र में रखा. उनकी उपलब्धियों का संक्षिप्त लेखा-जोखा प्रस्तुत किया.
1. सभी काम नियम-परिनियम के अनुरूप करने का प्रयास किया गया है. इसके लिए सभी काम संबंधित समितियों एवं निकायों की सहमति से किए जा रहे हैं. परीक्षा समिति, वित्त समिति, विद्वत परिषद्, भवन निर्माण समिति, क्रय-विक्रय समिति आदि की बैठकें नियमित रूप से हो रही हैं. सात माह में सिंडीकेट की चार बैठकें हो चुकी हैं. सीनेट की बैठक शनिवार को संपन्न हुई. 
2. सभी कार्य वित्तीय स्वच्छता एवं पारदर्शिता के आदर्शों के अनुरूप कार्य हो रहा है. सभी महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों को ससमय उपयोगिता प्रणाम-पत्र जमा करने हेतु सख्त निर्देश दिये गये हैं. जिस किसी भी शिक्षक या कर्मचारी के नाम पर अग्रिम भुगतान किया गया है, उन सबों को यथाशीघ्र उसका सामंजन कराने के निर्देश दिए गए हैं. 3. सभी समस्याओं का आॅन द स्पाट समाधान हो रहा है. सभी विभागों को तीन दिन के अंदर संचिकाओं के निष्पादन हेतु निर्देश दिये गये हैं. 
4. पार्वती साइंस कालेज, मधेपुरा, पूर्णियां काॅलेज, पूर्णियां, एमएलए काॅलेज, कसाब एवं एसएनवाई काॅलेज, रामबाग को नैक से बी ग्रेड मिला. 
5. दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, भूगोल, रसायनशास्त्र, गणित आदि विषयों में नये शिक्षकों का पदस्थापन किया गया है. 
6. विश्वविद्यालय अपने सभी शिक्षकों को नियमानुकूल प्रोन्नति का लाभ देने हेतु तत्पर है। शिक्षकों के प्रोन्नति की प्रक्रिया जारी है. 
7. फारबिसगंज काॅलेज, फारबिसगंज में 54 कर्मचारियों की स्थायी नियुक्त की गयी है. विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदाकर्मियों का स्थायीकरण किया गया है. 
8. सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं को दूर किया जा रहा है. सितंबर में पेंशन अदालत लगाकर सेवानिवृत्त सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों की समस्याओं का आॅन द स्पाॅट समाधान किया गया. दिसंबर 2018 तक सभी बकाया पेंशन का भुगतान करने का लक्ष्य रखा गया है. 
9. सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को समयपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. 
10.  सभी महाविद्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों एवं विश्वविद्यालय कार्यालयों में बायोमेट्रिक एटेन्डेस सिस्टम लागू किया जा रहा है. 
11. स्नातकोत्तर विभागों एवं महाविद्यालयों में समय तालिका के अनुरूप कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं. 
12. लंबित शोध प्रस्तावों को पीजीआरसी की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गयी है. अप्रैल में प्रीपीएच. डी. परीक्षा आयोजित की जाएगी. यूजीसी रेगुलेशन 2016 को लागू किया गया है.
13. जगह-जगह सेमिनार एवं अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन जारी है. 
14. विश्वविद्यालय नियमित सत्र हेतु प्रतिबद्ध है. दिसंबर 2018 तक सत्र नियमित हो जाएगा. कदाचरमुक्त परीक्षा संचालन और ससमय त्रुटिरहित परीक्षाफल प्रकाशन सुनिश्चित किया गया है. विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कदाचार जांच समिति का गठन किया गया है. 
15. बी. एड. नामांकन  2017-18  स्वच्छतापूर्वक संपन्न  हुआ. आगे जल्द ही  बी. एड. नामांकन  2018-19 की प्रक्रिया शुरू हो रही है.
16. एमबीए, एमसीए, बीलिब, एमलिब, संस्कृत एवं संगीत की पढ़ाई जल्द शुरू होगी. इन सभी विषयों का पाठ्यक्रम राजभवन को स्वीकृति हेतु भेजा जा चुका है. आगे नाट्यशास्त्र विषय भी स्वीकृति मिलने की संभावना है. साथ ही कुछ और विषयों की भी पढ़ाई शुरू होगी.
17. अर्न ह्वाइल लर्न के उद्देश्य से शार्ट टर्म कोर्स शुरू करने की योजना है. 
18. विश्वविद्यालय के शिकायत निवारण कोषांग को सक्रिय बनाया गया है. सभी महाविद्यालयों में भी शिकायत निवारण कोषांग गठित करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. एंटी सेक्सुअल हरासमेंट सेल का गठन किया गया है. 
19. जुलाई में ही सोशल साइंस के सभी विषयों को नये कैम्पस में सिफ्ट किया गया है. विज्ञान के सभी विषयों को भी नये कैम्पस के विज्ञान भवन में सिफ्ट किया जा चुका है. इस उपलक्ष्य में  29 जनवरी को वहाँ एक समारोह आयोजित किया गया है.
20. राजभवन के निर्देशों के अनुरूप स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर सीबीसीएस कोर्स लागू करने के प्रयास जारी हैं. 
21. भवनों की मरम्मत एवं सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है. 
22. विश्वविद्यालय परिसर में जगह-जगह सोलर लाइट लगाया गया है. 
23. नार्थ कैम्पस में एक अत्याधुनिक सभा भवन बनाने हेतु यूजीसी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. 
24. विश्वविद्यालय में एक हेल्थ यूनिट शुरू करने की योजना है. नियत मानदेय पर चिकित्सक की नियुक्ति की जाएगी. 
25. बुनियादी सुविधाओं की बहाली हेतु प्रयास जारी हैं. सभी महाविद्यालयों में 31 मार्च तक गर्ल्स काॅमन रूम एवं शौचालय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. वर्षों से बंद पड़े जिम को चालू किया गया है. बैडमिंटन कोर्ट एवं वाॅलीवाल कोर्ट का निर्माण कराया गया है. 
26. मधेपुरा के माननीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के सौजन्य से एक बस प्राप्त हुआ है. शीघ्र बस सेवा शुरू होगी. 
27. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड  योजना के प्रचार प्रसार हेतु विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत सभी सात जिलों में एक-एक प्राध्यापक को जिम्मेदारी दी गयी है. 
28. बंद पङे रीमिडियल कोचिंग की शुरुआत हुई है. 
29. मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत सभी महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों में वाई फाई कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है. 
30. बिहार सरकार के उर्जा मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव के सहयोग से पर्यावरण एवं वन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा बीएसएस काॅलेज, सुपौल में बैंबू प्लांट टीसू कल्चर की शुरुआत की गयी है.
31. शतरंज, क्रिकेट, खो-खो एवं एथलेटिक्स में अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में भागीदारी की गयी. स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया.
32. कई शिक्षकों ने उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं. 
33. कई विद्यार्थियों ने नेट में बाजी मारी है. 
34. पिछले दो माह में एनएसएस के 25 शिविर आयोजित किए गए हैं. एनएसएस की सक्रियता बढ़ाने के लिए करीब 15 नव नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों का एनएसएस की विभिन्न इकाईयों का समन्वयक बनाया गया है. 
35. राजभवन के निर्देशों के अनुरूप फरवरी में छात्र संघ चुनाव संपन्न कराने की योजना है. इसके लिए समिति का गठन कर दिया गया है और महत्वपूर्ण तिथि भी घोषित की जा चुकी है. गत 24 जनवरी को समिति के सदस्यों ने सभी प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की. जल्द ही सभी छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी. 
36. विश्वविद्यालय का रजत जयंती समारोह की तैयारी शुरू हो गयी है. इसके लिए समिति का गठन किया गया है. यूजीसी को दो करोड़ रूपये का प्रस्ताव भेजा जा रहा है. इसमें पूर्ववर्ती छात्रों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
37. विभिन्न स्तर पर संवाद स्थापित किया गया है. 
38. जनसंपर्क तंत्र मजबूत है. बीएनएमयू का नया वेबसाइट बीएनएमयूडाॅटएसीडाॅटइन बनाया गया है. जनसंपर्क पदाधिकारी के माध्यम से मीडिया को आवश्यक सूचनाएँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है. साथ ही सोशल मीडिया (फेसबुक एवं वाट्सप आदि) के जरिए भी विश्वविद्यालय की आवश्यक सूचनाएँ प्रकाशित-प्रसारित की जाती हैं. 
39. 'दस्तक' एवं 'परिधि' पत्रिका प्रकाशित हुई है. न्यूज एंड व्यूज बुलेटिन प्रकाशित हुई है. 
40. विश्व योग दिवस, स्वच्छ भारत अभियान और बाल विवाह एवं दहेज विरोधी मानव-श्रृंखला में भागीदारी निभाई गयी. 
बैठक में प्रति कुलपति डाॅ. फारूक अली, पूर्व कुलपति डॉ. जय कृष्ण यादव, विधान पार्षद डाॅ. संजीव कुमार सिंह, दिलीप जायसवाल एवं नूतन सिंह,  विधायक  प्रो. चंद्रशेखर, अनिरूद्ध प्रसाद यादव, नीरज कुमार बबलू एवं तारकेश्वर सिंह, कुलसचिव डॉ. नरेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ. परमानंद यादव, डॉ. जवाहर पासवान, डॉ. शब्बीर हुसैन, डॉ. अजय कुमार, डॉ. रामनरेश सिंह, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. अरूण कुमार मिश्र, डॉ. एम. जेड. आलम, मनीषा रंजन, दिनेश झा, डॉ. कमलेश प्रसाद सिंह, डॉ. अरविंद यादव, डॉ. विपिन सिंह, डॉ. शैलेश्वर प्रसाद,  डॉ. अरूण खाँ, प्रमोद कुमार, डॉ. शिवमुनि यादव, डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, डॉ. रंजीत मिश्र, डॉ. बी. एन. विश्वास,  डॉ. मुकुल कुमार, डॉ. बी. एन. पांडेय, डॉ. जनार्दन यादव, डॉ.  रतन कुमार मल्लिक आदि उपस्थित थे.


Post Bottom Ad

Pages