मुरलीगंज 30/03/2018
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के 2617 वा जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से जैन धर्म के अनुयायियों ने मनाया. नेपाल बिहार जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के कार्यकारिणी सदस्य विनोद बाफना ने बताया भगवान महावीर ने "जियो और जीने दो" का संदेश दिया.
भगवान महावीर ने अहिंसा ,सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर सबसे अधिक जोर दिया. त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार ही उनके प्रवचनों का सार था. बिहार सरकार के द्वारा महावीर जयंती के अवसर पर निरामिष दिवस घोषित करने से जैन अनुयायियों में काफी हर्ष का वातावरण रहा.
इस जन्म कल्याण महोत्सव को जैन धर्म के अनुयाई श्री हंसराज बाफना. रूपचंद सेठिया, बछराज नाहटा, धनराज सुराणा, कनीराम जैन, बाबूलाल बोथरा अरुण जैन, मनोज बाफना, नवरत्न जैन, करण सेठिया, पवन सेठिया, श्री चंद दोषी, संदीप नाहटा अशोक बोथरा जिमी भंसाली प्रतिभा जैन एवं वर्षा बाफना ने सादगी और त्याग के रूप में मनाया.
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के 2617 वा जन्म कल्याणक महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से जैन धर्म के अनुयायियों ने मनाया. नेपाल बिहार जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के कार्यकारिणी सदस्य विनोद बाफना ने बताया भगवान महावीर ने "जियो और जीने दो" का संदेश दिया.
भगवान महावीर ने अहिंसा ,सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर सबसे अधिक जोर दिया. त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार ही उनके प्रवचनों का सार था. बिहार सरकार के द्वारा महावीर जयंती के अवसर पर निरामिष दिवस घोषित करने से जैन अनुयायियों में काफी हर्ष का वातावरण रहा.
इस जन्म कल्याण महोत्सव को जैन धर्म के अनुयाई श्री हंसराज बाफना. रूपचंद सेठिया, बछराज नाहटा, धनराज सुराणा, कनीराम जैन, बाबूलाल बोथरा अरुण जैन, मनोज बाफना, नवरत्न जैन, करण सेठिया, पवन सेठिया, श्री चंद दोषी, संदीप नाहटा अशोक बोथरा जिमी भंसाली प्रतिभा जैन एवं वर्षा बाफना ने सादगी और त्याग के रूप में मनाया.