दरभंगा 29/03/2018
मंगलवार से हराही पश्चिम स्थित संगीत नाटक अनुभाग के परिसर में "द स्पौटलाइट थियेटर" एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा संगीत एवं नाटक स्नातकोत्तर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे आठ दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव "अष्टदल" आठ दिवस आठ रंग के तीसरे रंग के रूप में सागर सिंह के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक "छ: पैसे का रूपया" प्रस्तुत किया गया.
आज के समय में बिगड़ती अर्थव्यवस्था और रुपये के अवमूल्यन से उत्पन्न समस्याओं को इसमें सफलतापूर्वक पेश किया गया. इस नुक्कड़ के द्वारा बताया गया कि मंहगाई के इस दौर में आम लोगों का जीना कैसे दूभर होता जा रहा है.
सागर सिंह के कसे हुए निर्देशन में नाटक के तथ्य को अवधेश भारद्वाज, उज्जवल राज, प्रशांत राणा, ऋषभ झा, प्रत्यूष कुमार भानु, अंकुश प्रसाद और शिवम झा ने अपने दमदार अभिनय से जीवन्त कर दिया.
आयोजन को सफल बनाने में डॉ.पुष्पम नारायण, लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, डॉ.सत्येन्द्र कुमार झा, श्लोक, दीपक, पल्लवी मंडल, अंजली, सृष्टि मिश्रा, अखिलेश कुमार झा, शंकर आनन्द सहित "द स्पौटलाइट थिएटर" के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कार्यक्रम का संचालन दिवाकर झा ने किया.
मंगलवार से हराही पश्चिम स्थित संगीत नाटक अनुभाग के परिसर में "द स्पौटलाइट थियेटर" एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा संगीत एवं नाटक स्नातकोत्तर विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे आठ दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव "अष्टदल" आठ दिवस आठ रंग के तीसरे रंग के रूप में सागर सिंह के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक "छ: पैसे का रूपया" प्रस्तुत किया गया.
आज के समय में बिगड़ती अर्थव्यवस्था और रुपये के अवमूल्यन से उत्पन्न समस्याओं को इसमें सफलतापूर्वक पेश किया गया. इस नुक्कड़ के द्वारा बताया गया कि मंहगाई के इस दौर में आम लोगों का जीना कैसे दूभर होता जा रहा है.
सागर सिंह के कसे हुए निर्देशन में नाटक के तथ्य को अवधेश भारद्वाज, उज्जवल राज, प्रशांत राणा, ऋषभ झा, प्रत्यूष कुमार भानु, अंकुश प्रसाद और शिवम झा ने अपने दमदार अभिनय से जीवन्त कर दिया.
आयोजन को सफल बनाने में डॉ.पुष्पम नारायण, लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, डॉ.सत्येन्द्र कुमार झा, श्लोक, दीपक, पल्लवी मंडल, अंजली, सृष्टि मिश्रा, अखिलेश कुमार झा, शंकर आनन्द सहित "द स्पौटलाइट थिएटर" के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कार्यक्रम का संचालन दिवाकर झा ने किया.