2019 तक बिहार निश्‍चित तौर पर होगा खुले में शौच मुक्‍त - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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5 अप्रैल 2018

2019 तक बिहार निश्‍चित तौर पर होगा खुले में शौच मुक्‍त

पटना 05/04/2018 
“माननीय प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश को खुले में शौच मुक्‍त करने का लक्ष्‍य 2 अक्टूबर 2019 रखा है. हमें उम्‍मीद है कि 31 मार्च 2019 तक बिहार खुले में शौच मुक्‍त हो जाएगा.
                       अगर कोई गांव खुले में शौच मुक्‍त हो जाए तो उन गावों का सतत अनुश्रवण जारी रहना आवश्‍यक है ताकि लोग नियमित रूप से उसे व्‍यवहार में ला सकें. ये उद्गार ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने आज आज लोहिया स्वच्छ भारत अभियान, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार और यूनिसेफ बिहार के सहयोग से चलो चंपारण- सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान व्‍यक्‍त किए.
                          उन्‍होनें कहा कि यूनिसेफ काफी पहले से हमारे इस पूरे पहल में सहयोग कर रहा है. मीडिया की भूमिका को महत्‍वूपर्ण बताते हुए उन्‍होनें कहा कि मीडिया में छपने वाली सफलता की कहानियों और चेंज एजेंट की कहानियां लोगों को उर्जा के साथ हीं प्रेरित करने का भी काम करती है. लोहिया स्‍वच्‍छ बिहार अभियान के मिशन डायरेक्‍टर बालामुरूगन डी ने कहा कि लोहिया स्‍वच्‍छता योजना और स्‍वचछ भारत अभियान  ग्रामीण को मिलाकर बिहार में लोहिया स्‍वच्‍छ अभियान बिहार की शुरूआत की गई है. हमारा पूरा फोकस व्‍यवहार परिर्वतन पर है.

                      4 सालों में हमारा सैनिटेशन कवरेज 22 से बढ़कर 48 प्रतिशत हो गया है. हमें उम्‍मीद है कि 10 अप्रैल के पहले तक बिहार का कवरेज 50 प्रतिशत हो जाएगा. 30,000 से ज्‍यादा सत्‍याग्रही ( सामुदायिक उत्‍प्रेरक) और जीविका के 8 लाख से ज्‍यादा सदस्‍य इस पूरे पहल में लगे हैं. अपर महानिदेशक, पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय मंयक अग्रवाल ने कहा कि सैनिटेशन मूवमेंट को व्‍यवहार परिर्वतन मूवमेंट बनाने की जरूरत है.
                        घर में तुलसी रहने पर शौचालय नहीं बनवाने का उदाहरण देते हुए उन्‍होने कहा कि कुछ लोगों को बार-बार समझाना पडता है. हमें व्‍यवहार परिवर्तन में बाधाओं को समाप्‍त करने के लिए रचनात्‍मक तरीके से लोगों को बताना होगा. यूनिसेफ बिहार के प्रमुख असदुर रहमान ने कहा कि बिहार में 46 प्रतिशत आबादी बच्‍चों की है. बिना किसी जातिगत, सामाजिक, आर्थिक और भौगोलिक भेदभाव के सैनिटेशन, सभी बच्चों का एक महत्‍वपूर्ण अधिकार है.
                          बच्‍चे और महिलाओं पर इसका सबसे ज्‍यादा दुष्‍प्रभाव होता है. मीडिया, बच्‍चों के अधिकार और वंचितों के अधिकारों की रक्षा में मत्‍वूपर्ण भूमिका निभाती है. पोलियो के उन्‍मूलन मे मीडिया ने महत्‍वूपर्ण भूमिका निभाई है और हमें उम्‍मीद है कि बिहार को खुले में शौच मुक्‍त करने में भी मीडिया उसी प्रकार अपनी जिम्‍मेवारी निभाएगी.
                         दिल्‍ली से आए वरीय पत्रकार मधुरेंद्र सिन्‍हा ने कहा कि जिस तरह लोग आज भी किसी विवाद की स्‍थिति में अदालत में आते हैं. उसी प्रकार से किसी जानकारी और सामजिक स्‍थ्‍िति को समझने के लिए उनका भरोसा मीडिया पर है। उन्‍होनें कहा कि बेहतर सैनिटेशन से शिशु मृत्‍यु दर में कमी आएगी और बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य में भी सुधार होगा.
                            यूनिसेफ बिहार के बाल विशेषज्ञ प्रवीण मोरे ने रोहतास की प्रगति के बारे मे बताते हुए कहा कि रोहतास जिले में अब तक 9 प्रखंड, 245 ग्राम पंचायत  और 1541 गांव समुदाय द्वारा खुले में शौच से मुक्‍त घोषित हो चुके हैं. 21 जुन 2016 को शुरू हुई यात्रा जनवरी 2018 तक चली. इज्‍ज्‍तघर, स्‍चच्‍छता अदालत, जैसे पहल और सभी विभागों के समन्‍वयक ने रोहतास को 99 प्रतिशत सैनिटेशन कवरेज तक पहंचाया है.
                      टू पिट शौचालय के फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि इससे उत्‍पन्‍न होने वाला सोना खाद सबसे बेहतर उर्वरक में से एक है. उन्‍होनें लोगों को सोना खाद भी दिखाया. कार्यक्रम में आल इंडिया रेडियों के निदेशक डॉ. किशोर सिन्‍हा, डीडी पटना की प्रोग्रामिंग हेड डॉ. रत्‍ना  पुरकायस्‍थ्‍य ने डीडी और ऑल इंडिया रेडियों के द्वारा चलो चंपारण और चलाए जा रहे सैनिटेशन कैंपेन के बारे में बताया.
                          इस अवसर पर बनाएं गए गीत और जिंगल भी सुनाएं. दिल्‍ली से आए रेडियो के जाने माने नाम आरजे सिमरन, आरजे राहुल और आरजे अब्‍बास ने अपने विचार रखे और  स्‍वच्‍छता अभियान से चलाएं जा रहे कैंपेन  जैसे 104 मीटर – अपने घर के 104 मीटर की दूरी में साफ सफाई मेरे मन में है चंपारण के बारे में बताया और उसका प्रर्दशन किया.
                कार्यक्रम में बिहार, उत्‍राखंड और आंध्रप्रदेश से आएं स्‍चव्‍छाग्रहियों ने अपने अनुभग को साझा किया. इस अवसर पर नालंदा के आदमपुर गांव की स्‍वच्‍छाग्रही रिंकी कुमारी ने कहा कि मैंने अपने गांव को सभी के सहयोग से केवल दो महीने में ही खुले में शौच से मुक्‍त कर दिया. मोबाईल कवर का उदाहरण देते हुए रिंकी ने कहा कि हम लोगों से पूछते थे मोबाईल की सुरक्षा के लिए कवर लगाया है और अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना ही खुले में शौच के लिए जाती है.
              आगामी 10 अप्रैल को माननीय प्रधानमंत्री स्‍वच्‍छाग्रही रिंकी कुमारी को मोतीहारी में सम्‍मनित करेंगें. इसके साथ हीं उत्तराखंड से गंगोत्री और यमुनोत्री पंचायत की ग्राम प्रधान और स्‍वच्‍छाग्रही पुष्‍पा चौहान और पुनम रमोला तथा  आंध्राप्रदेश के मनमोहन ने भी अपने अनुभव साझा किए. पटना के परेव गांव में उत्‍राखंड के 6 प्रधानों की टीम हैं जो लोगों को शौचालय निर्माण और प्रयोग के लिए जागरूक कर रही है. कार्यक्रम के अंत में यूनिसेफ के संचार विशेष्‍ज्ञ निपुंण गुप्‍ता ने धन्‍यवाद ज्ञापन किया.
                         इसका संचालन लोहिया स्‍वच्‍छ बिहार अभियान के सलाहकार सुमन कुमार कर्ण ने किया. इस अवसर पर यूनिसेफ के वाश पदाधिकारी राजीव कुमार, जीवीका की महुआ राय चौधरी, लोहिया स्‍वच्‍छ बिहार अभियान डॉ झिनुक राय, तरूण रंजन और यूनिसेफ के अन्‍य सलाहकार भी उपस्थित रहे.

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