गरीबी की खोज - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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23 अप्रैल 2018

गरीबी की खोज

मधेपुरा 23/04/2018
किलकारी भरी घर में किसी बच्चे का अचानक से गुम जाना, किसी बेबस-सूखी रोटी की खातिर परछाई से बातें लड़ाना, उस मजदूर बाप के हाथ पड़े छालों पर बेटी का मरहम लगाना,बस याद है मुझे सब,जो मैं लाया था कभी यूं ही राहों से अंजान सफर के दौरान. 
           कुछ आंसू रोटियों पर गिरे थे उस रात,कुछ सिमटा लिया था फिक्रमंद उसने. एक चमक देखी गई थी एक छोटी नजर से. समझौता किया वो सब रईस दिखा मुझे. मैं गरीबी ढूंढने निकला था कैमरा साथ लिए.
(कल्पना:- गौरव) 

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