मधेपुरा 02/05/2018
स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक करने हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार, खेल और फिल्म उद्योग से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों को सरकार ने नामित किया.
इसके बावजूद इसका असर मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में नहीं दिख रहा है. ऐसा लगता है मानो गंदगी व कचरे का ढ़ेर ही मधेपुरा की पहचान बन गई है. नगर परिषद के उदासीनता के वजह से सड़कों व गलियों के किनारे-किनारे जगह-जगह कचरे का ढ़ेर स्वच्छता अभियान का मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है. शहर में सड़क किनारे बने नलियों की स्थिति भी कुछ इसी तरह है.
हल्की बारिश में नालियों का पानी ओवरफ्लो कर जाता है और सड़क फैलने लगता है. भारत सरकार की आेर से चलाए जा रहे स्वच्छ भारत की मुहिम मधेपुरा में दम तोड़ रही है. मधेपुरा में बदतर हो रही नालियों व गलियाें के स्थिति में सुधार को लेकर युवा समाज सेवी अक्षय चौहान ने एक अभियान छेड़ी है, इसके तहत वे शहर के सभी वार्ड, गली-मुहल्ले में सड़क किनारे जमा कचरा व गंदे पानी का फोटो लेकर फेसबूक पोस्ट के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चुनाव के समय में किए वादे का याद दिलाते हैं.
अक्षय हर रोज शहर के विभिन्न मुहल्ले में घूम-घूमकर जन समस्याओं को एकत्रित कर बेबाकी से अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों को अवगत कराते हैं. वे फेसबुक के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दावों की पोल भी खोलते हैं. शहर की हालात ऐसी है कि जिसे देख कर आपको भी शर्मिंदगी आ जाए. चुनाव के समय जिस प्रत्याशी को वार्ड के विकास के नाम पर मतदाताओं ने वोट देकर अपार मतों से जिताकर वार्ड पार्षद की कुर्सी तक पहुंचाया.
आज वहीं वार्ड पार्षद वार्ड के समस्याओं से बेखबर हैं. कुछ ऐसे भी गली-मुहल्ले हैं जहां आप एक बार चले जाएं तो दोबारा उस गली में प्रवेश करने की इच्छा ही नहीं होगी. अभी बारिश का मौसम है तो मान लेते हैं की उस गली-मोहल्ले में बारिश होने के कारण बारिश का पानी जमा हो जाता है पर कुछ गली-मुहल्ले ऐसे भी हैं जहां सालभर सड़कों पर पानी बहता रहता है. दिनभर खुले नाली व सड़क किनारे जमा कचड़े के ढ़ेर में सुअर अठखेलियां लेते रहते हैं. लेकिन नगर परिषद जन समस्याओं से बेखबर है. ऐसे में सरकार की स्वच्छ भारत बनाने की सपना बस सपना ही बन कर रह जाएगी. अक्षय चौहान की जुबानी सुनने के लिए क्लिक करें
स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक करने हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार, खेल और फिल्म उद्योग से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों को सरकार ने नामित किया.
इसके बावजूद इसका असर मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र में नहीं दिख रहा है. ऐसा लगता है मानो गंदगी व कचरे का ढ़ेर ही मधेपुरा की पहचान बन गई है. नगर परिषद के उदासीनता के वजह से सड़कों व गलियों के किनारे-किनारे जगह-जगह कचरे का ढ़ेर स्वच्छता अभियान का मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है. शहर में सड़क किनारे बने नलियों की स्थिति भी कुछ इसी तरह है.
हल्की बारिश में नालियों का पानी ओवरफ्लो कर जाता है और सड़क फैलने लगता है. भारत सरकार की आेर से चलाए जा रहे स्वच्छ भारत की मुहिम मधेपुरा में दम तोड़ रही है. मधेपुरा में बदतर हो रही नालियों व गलियाें के स्थिति में सुधार को लेकर युवा समाज सेवी अक्षय चौहान ने एक अभियान छेड़ी है, इसके तहत वे शहर के सभी वार्ड, गली-मुहल्ले में सड़क किनारे जमा कचरा व गंदे पानी का फोटो लेकर फेसबूक पोस्ट के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चुनाव के समय में किए वादे का याद दिलाते हैं.

आज वहीं वार्ड पार्षद वार्ड के समस्याओं से बेखबर हैं. कुछ ऐसे भी गली-मुहल्ले हैं जहां आप एक बार चले जाएं तो दोबारा उस गली में प्रवेश करने की इच्छा ही नहीं होगी. अभी बारिश का मौसम है तो मान लेते हैं की उस गली-मोहल्ले में बारिश होने के कारण बारिश का पानी जमा हो जाता है पर कुछ गली-मुहल्ले ऐसे भी हैं जहां सालभर सड़कों पर पानी बहता रहता है. दिनभर खुले नाली व सड़क किनारे जमा कचड़े के ढ़ेर में सुअर अठखेलियां लेते रहते हैं. लेकिन नगर परिषद जन समस्याओं से बेखबर है. ऐसे में सरकार की स्वच्छ भारत बनाने की सपना बस सपना ही बन कर रह जाएगी. अक्षय चौहान की जुबानी सुनने के लिए क्लिक करें