मधेपुरा 11/05/2018
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का समाज एवं राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज एवं राष्ट्र से जोड़ना है. सभी विद्यार्थी पढाई के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़ें. इसे जनांदोलन बनाएं. यह बात प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही. वे शुक्रवार को एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
प्रति कुलपति ने कहा कि एनएसएस को समाज एवं राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन का वाहक बनें. हम पहले अपने जीवन में बदलाव लाएं. फिर समाज में बदलाव आएगा. प्रति कुलपति ने कहा कि हमहम अंधेरे को कोसने की बजाय एक चिराग जलाएं. सकारात्मक सोच रखें और अपने विचारों एवं कार्यों के बीच समन्वय लाएं. भेदभाव को भूलकर सबों के हित में काम करें.उन्होंने कहा कि 1947 में हमें राजनीति आजादी मिल गयी, लेकिन सामाजिक आजादी नहीं मिली. फिर आजादी के बाद समाज सुधार का काम भी नहीं हुआ.
हम समाज सुधार में अपनी महती भूमिका निभाएं. दहेजबंदी, शराबबंदी एवं ऐसे अन्य कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लें. प्रति कुलपति ने हम सभी श्रम का सम्मान करें. अपना काम स्वयं करें. समाज एवं राष्ट्र के लिए कार्य करें. उन्होंने महाविद्यालयों में राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की भावनाओं के अनुरूप साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये. सभी प्रधानाचार्य अपने शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को स्वच्छाग्रह के लिए प्रेरित करें. जगह-जगह डस्टबिन एवं पिकदान लगाए जाएं. नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाया जाए.
वित्त परामर्शी सुरेश चन्द्र दास ने कहा कि एनएसएस सहित सभी प्रकार के एकाउंट का सही रूप में संचालन हो. कैसबुक मेंटेन किया जाए. ससमय उपयोगिता प्रणाम पत्र जमा किया जाए. एनएसएस समन्वयक डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में एनएसएस को गतिशील बनाया जा रहा है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी महाविद्यालय अविलंब अपने एनएसएस एकाउंट को पीएफएमएस द्वारा रजिस्टर्ड कराया जाए. सभी पदाधिकारियों को स्वच्छ भारत समर इटर्नशिप प्रोग्राम के क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु दिशा-निर्देश दिए गए.
सभी महाविद्यालयों को 21 जून को चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित करने के निर्देश दिये गये. राष्ट्रीय सेवा योजना के आंतरिक एवं बाह्य स्रोत की राशि का वास्तविक विवरणी प्राप्त करना है. महाविद्यालय द्वारा एनएसएस मद में ली जाने वाली राशि एनएसएस के आंतरिक खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया. सभी इकाईयों द्वारा संपादित कार्यक्रमों का उपयोगिता प्रणाम पत्र जमा कराना है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वित्त परामर्शी एवं डीएसडब्लू के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम सभी महाविद्यालयों की एनएसएस इकाईयों का भौतिक सत्यापन करेगी.
जो कार्यक्रम पदाधिकारी शुक्रवार की बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित हैं, उन्हें कारणपृच्छा (सो काउज) की जाएगी. पार्वती साइंस कालेज, मधेपुरा, के. पी. काॅलेज, मुरलीगंज और डिग्री काॅलेज, सुपौल के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रधानाचार्य को शनिवार को पूर्वाह्न 10 बजे प्रति कुलपति कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. इस अवसर पर डीएसडब्लू डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, प्रभारी कुलसचिव डॉ. कपिल प्रसाद, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के डाॅ. विजया कुमारी एवं डाॅ. उपेन्द्र यादव, सीएम साइंस काॅलेज के संजय कुमार सहित विभिन्न महाविद्यालयों के कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे.
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का समाज एवं राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को समाज एवं राष्ट्र से जोड़ना है. सभी विद्यार्थी पढाई के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़ें. इसे जनांदोलन बनाएं. यह बात प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली ने कही. वे शुक्रवार को एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारियों की समीक्षात्मक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
प्रति कुलपति ने कहा कि एनएसएस को समाज एवं राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन का वाहक बनें. हम पहले अपने जीवन में बदलाव लाएं. फिर समाज में बदलाव आएगा. प्रति कुलपति ने कहा कि हमहम अंधेरे को कोसने की बजाय एक चिराग जलाएं. सकारात्मक सोच रखें और अपने विचारों एवं कार्यों के बीच समन्वय लाएं. भेदभाव को भूलकर सबों के हित में काम करें.उन्होंने कहा कि 1947 में हमें राजनीति आजादी मिल गयी, लेकिन सामाजिक आजादी नहीं मिली. फिर आजादी के बाद समाज सुधार का काम भी नहीं हुआ.
हम समाज सुधार में अपनी महती भूमिका निभाएं. दहेजबंदी, शराबबंदी एवं ऐसे अन्य कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लें. प्रति कुलपति ने हम सभी श्रम का सम्मान करें. अपना काम स्वयं करें. समाज एवं राष्ट्र के लिए कार्य करें. उन्होंने महाविद्यालयों में राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन की भावनाओं के अनुरूप साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये. सभी प्रधानाचार्य अपने शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को स्वच्छाग्रह के लिए प्रेरित करें. जगह-जगह डस्टबिन एवं पिकदान लगाए जाएं. नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाया जाए.
वित्त परामर्शी सुरेश चन्द्र दास ने कहा कि एनएसएस सहित सभी प्रकार के एकाउंट का सही रूप में संचालन हो. कैसबुक मेंटेन किया जाए. ससमय उपयोगिता प्रणाम पत्र जमा किया जाए. एनएसएस समन्वयक डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में एनएसएस को गतिशील बनाया जा रहा है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी महाविद्यालय अविलंब अपने एनएसएस एकाउंट को पीएफएमएस द्वारा रजिस्टर्ड कराया जाए. सभी पदाधिकारियों को स्वच्छ भारत समर इटर्नशिप प्रोग्राम के क्रियान्वयन एवं संचालन हेतु दिशा-निर्देश दिए गए.
सभी महाविद्यालयों को 21 जून को चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित करने के निर्देश दिये गये. राष्ट्रीय सेवा योजना के आंतरिक एवं बाह्य स्रोत की राशि का वास्तविक विवरणी प्राप्त करना है. महाविद्यालय द्वारा एनएसएस मद में ली जाने वाली राशि एनएसएस के आंतरिक खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया. सभी इकाईयों द्वारा संपादित कार्यक्रमों का उपयोगिता प्रणाम पत्र जमा कराना है. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वित्त परामर्शी एवं डीएसडब्लू के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम सभी महाविद्यालयों की एनएसएस इकाईयों का भौतिक सत्यापन करेगी.
जो कार्यक्रम पदाधिकारी शुक्रवार की बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित हैं, उन्हें कारणपृच्छा (सो काउज) की जाएगी. पार्वती साइंस कालेज, मधेपुरा, के. पी. काॅलेज, मुरलीगंज और डिग्री काॅलेज, सुपौल के एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी एवं प्रधानाचार्य को शनिवार को पूर्वाह्न 10 बजे प्रति कुलपति कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. इस अवसर पर डीएसडब्लू डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, प्रभारी कुलसचिव डॉ. कपिल प्रसाद, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के डाॅ. विजया कुमारी एवं डाॅ. उपेन्द्र यादव, सीएम साइंस काॅलेज के संजय कुमार सहित विभिन्न महाविद्यालयों के कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे.