कला सत्यम्- शिवम्-सुन्दरम् की अभिव्यक्ति है: कुलपति - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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25 मई 2018

कला सत्यम्- शिवम्-सुन्दरम् की अभिव्यक्ति है: कुलपति

कला सिर्फ कला के लिए नहीं है. यह जीवन का अभिन्न अंग है. कला के माध्यम से हमारे जीवन के आदर्श, संस्कृति एवं मनःस्थिति की अभिव्यक्ति होती है. यह बात कुलपति डॉ. अवध किशोर राय ने कही. वे शुक्रवार को रमेश झा महिला महाविद्यालय में बीएड विभाग के प्रशिक्षु शिक्षकों द्वारा आयोजित एक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे थे. कुलपति ने कहा कि कला सत्यम्- शिवम्-सुन्दरम् की अभिव्यक्ति है. इसे किसी संकीर्ण दायरे में नहीं बांधा जा सकता है. कला की सीमाएं अनंत हैं. अलग-अलग विधाओं के कलाकार अपने-अपने ढंग से जीवन एवं जगत के विभिन्न रूपों के व्यक्त करते हैं. लेकिन सभी का उद्देश्य मानव जीवन को बेहतर बनाना है. कुलपति ने छात्राओं द्वारा बनाए गये पेंटिंग्स की काफी सराहना की. इन पेंटिंग्स में जीवन-जगत के विविध रंगों को सामने लाया गया था. अधिकांश छात्राओं ने गणेश, कृष्ण, सूर्य, बुद्ध आदि देवताओं एवं महापुरुषों के चित्र बनाए थे. कुछ ने प्रकृति-पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित चिंताएं व्यक्त की थीं. ऐसे ही एक चित्र में लिखा था, "नो वाटर, नो लाइफ." अन्य ने महिला सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया था. एक पोस्टर पर लिखा था. "इस दहेज ने फैलाया भारी अत्याचार. इस दानव को मार भगाओ, यह समाज का भार." कुलपति ने अपने भाषण में विशेष रूप से इसकी चर्चा की. उन्होंने कहा कि महिलाओं का भारतीय समाज में हमेशा महत्वपूर्ण स्थान रहा है. हम दुर्गा, लक्ष्मी एवं सरस्वती आदि देवियों की पूजा करते हैं. महिलाएं सक्षम एवं सशक्त हैं. उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने की जरूरत है. प्रदर्शनी के बाद कुलपति ने शिक्षकों के साथ एक बैठक की. उसमें उन्होंने सबों को नैक मूल्यांकन की तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया. इसके पूर्व कुलपति ने दीप प्रज्वलित कर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. अतिथियों का पेंटिंग देकर सम्मानित किया गया. प्रदर्शनी में भवानी, आरती, प्रतिमा शालिनि, वंदना, प्रीति, अनुश्री, निशा, नेहा प्रिया, पूजा, ज्योति, ममता, अनुप्रिया, शिवानी, रीतू, प्रिति, निखत, रूबी, श्रुति, खुशबु, सविता, पूनम, अर्चना, सुप्रिया आदि ने भाग लिया. इस अवसर पर प्रधानाचार्या डाॅ. रेणु सिंह, डाॅ. के. पी. यादव, डाॅ. के. एस. ओझा, डाॅ. मुकेश कुमार सिंह, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, डाॅ. कल्पना मिश्र, डाॅ. अनील कुमार, डाॅ. वशीकांत चौधरी, डाॅ. अंजना पाठक, डाॅ. रीना सिंह, डाॅ. संगीता सिंह, डाॅ. प्रत्यक्षा राज, डाॅ. बालगोबिंद, डाॅ. विनोद कुमार झा, संजीत सिंह, अभीषेक कुमार, दिवाकर सौरभ आदि उपस्थित थे.

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