लाख कोशिशों के बावजूद कार्य संस्कृति में आशानुरूप बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. यदि वे बीएनएमयू में अपेक्षित बदलाव नहीं ला सकेंगे, तो उनका पद पर बने रहने का कोई इरादा नहीं है. कुलपति ने कहा कि हम अपनी अंतरात्मा की आवाज से काम करें. दूसरों की आलोचना करने की बजाय अपने मन के अंदर झांकें. हम विश्वविद्यालय की कुलपति ने कहा कि हम सभी विश्वविद्यालय के बारे में स्वच्छ भावना रखें. हम सेवाभाव से काम करें. हम हमेशा सत्य के मार्ग पर ही चलें.
सत्य की ही हमेशा जीत होती है. लोभ-लालच से दूर रहें, क्योंकि लोभ-लालच की कोई सीमा नहीं है. गलत करेंगे, तो उसका परिणाम गलत ही होगा. कुलपति ने कहा कि हमारे पास जो भी विद्यार्थी, शिक्षक या कर्मचारी कोई समस्या लेकर आए, हम उसका समाधान करने की कोशिश करें. समस्याओं को जटिल नहीं बनाएं. उन्होंने कहा कि हमारे पास सेवानिवृत्ति लाभ के आवंटन हेतु पर्याप्त राशि है. हम ठीक ढंग से इसका निष्पादन करें, तो शीघ्र ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा.
प्रतिकुलपति डाॅ फारूक अली ने कहा कि हम सभी अपने अंदर विश्वविद्यालय के प्रति अपनापन का भाव जगाएं. सोचें कि विश्वविद्यालय मेरा है और मैं विश्वविद्यालय का हूँ. विश्वविद्यालय को अपनी सर्वोत्तम सेवा दें. उन्होंने कहा कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सहयोग की कमी के कारण पेंडिग रिजल्ट में सुधार नहीं हो पा रहा है और सत्र नियमित करने में भी परेशानी आ रही है. बैठक में कर्मचारियों की ओर से अखिलेश्वर नारायण, राजेश्वर राय, संजीव कुमार आदि ने अपने सुझाव रखे. सबों ने कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिए कुलपति और पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया.
साथ ही विश्वास दिलाया कि सभी कर्मचारी कुलपति के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करेंगे. साथ ही सबों ने नियमित रूप से ऐसी बैठक आयोजित करने की जरूरत बताई. तत्काल दो माह पर बैठक आयोजित की जाएगी. इस अवसर पर वित्त परामर्शी सीके दास, प्रभारी कुलसचिव डॉ कपिलदेव प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक डॉ नवीन कुमार, बीएओ डाॅ एम एस पाठक, एनएसएस समन्वयक डाॅ. अशोक कुमार सिंह, वित्त पदाधिकारी एच के सिंह, पीआरओ डॉ सुधांशु शेखर और विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.