मधेपुरा
इन दिनों गर्मी के कारण लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. चिलचिलाती धूप की के कारण सुबह 10 बजे से ही लोगों का बाजार में आना-जाना बंद हो जाता है. गाड़ी से उतरते ही लोग धूप से बचाने के लिए दुकान एवं पेड़ की छांव तलाशते देखा जाता है. विद्यालयों के बच्चों को अपने घर जाने के लिए धूप की मार झेलना पड़ रहा है.
धूप की तपिस से दिन को तापमान अधिक हो जाने के वजह से रात को भी उमस बढ जा रही है. लोगों को इधर उधर भटकते देखा जा रहा है. वही पिछले कई दिनों से जिलें में बिजली गुल होने के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. कई क्षेत्रों में तो 10 से 12 घंटे ही बजली मिल पाती है. वहीं, कई इलाकों में वोल्टेज कम रहने से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
व्यवसायी विक्की विनायक ने बताया कि भीषण गर्मी में भी बिजली आंखमिचोली खेलते रहती है. रात हो या दिन कुल मिलाकर पर्याप्त मात्रा में शहर को बिजली नहीं मिल पाती है. जिससे कोई भी नहीं हो पाता है. हम लोग नियमित बिजली बिल का भुगतान करते हैं फिर गर्मी की मार झेलनी पड़ती है. व्यवसायी सावन गुरु ने कहा कि गर्मी के मौसम में 17 से 18 घंटे बिजली मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. गर्मी आते ही बिजली का बार-बार जाना जिसके कारण बिजली पर निर्भर व्यवसाय को काफी परेशानी झेलना पड़ता है. गर्मी में 18 से 20 घंटे ही बिजली मिल पाती है.
व्यवसायी मनीष सुन्तानिया ने कहा की गर्मियों के मौसम में जहां पर्याप्त बिजली मिलना चाहिए वहां पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है. शहर में कई घंटों बिजली बाधित रहने से व्यवसायियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है. बिजली विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा की जरूरत है जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की. व्यवसायियों ने बिजली की समस्या के समाधान की मांग जिला पदाधिकारी से की.
व्यवसायी कुंदन कुमार का कहना है की बिजली व्यवस्था दुरुस्त तो होती नहीं है, मगर बिजली बिल व्यवस्था जरूर दुरुस्त रहती है. शहर में बिजली की व्यवस्था देखा जाए तो कोई खास तरीके से दुरुस्त नहीं है. बिजली आती और जाती रहती है. जिस से होने वाली परेशानी व्यवसायियों को हीं नहीं बल्कि आम आदमी को भी झूलनी पड़ती हैं.
इन दिनों गर्मी के कारण लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. चिलचिलाती धूप की के कारण सुबह 10 बजे से ही लोगों का बाजार में आना-जाना बंद हो जाता है. गाड़ी से उतरते ही लोग धूप से बचाने के लिए दुकान एवं पेड़ की छांव तलाशते देखा जाता है. विद्यालयों के बच्चों को अपने घर जाने के लिए धूप की मार झेलना पड़ रहा है.
धूप की तपिस से दिन को तापमान अधिक हो जाने के वजह से रात को भी उमस बढ जा रही है. लोगों को इधर उधर भटकते देखा जा रहा है. वही पिछले कई दिनों से जिलें में बिजली गुल होने के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. कई क्षेत्रों में तो 10 से 12 घंटे ही बजली मिल पाती है. वहीं, कई इलाकों में वोल्टेज कम रहने से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
व्यवसायी विक्की विनायक ने बताया कि भीषण गर्मी में भी बिजली आंखमिचोली खेलते रहती है. रात हो या दिन कुल मिलाकर पर्याप्त मात्रा में शहर को बिजली नहीं मिल पाती है. जिससे कोई भी नहीं हो पाता है. हम लोग नियमित बिजली बिल का भुगतान करते हैं फिर गर्मी की मार झेलनी पड़ती है. व्यवसायी सावन गुरु ने कहा कि गर्मी के मौसम में 17 से 18 घंटे बिजली मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. गर्मी आते ही बिजली का बार-बार जाना जिसके कारण बिजली पर निर्भर व्यवसाय को काफी परेशानी झेलना पड़ता है. गर्मी में 18 से 20 घंटे ही बिजली मिल पाती है.
व्यवसायी मनीष सुन्तानिया ने कहा की गर्मियों के मौसम में जहां पर्याप्त बिजली मिलना चाहिए वहां पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती है. शहर में कई घंटों बिजली बाधित रहने से व्यवसायियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है. बिजली विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा की जरूरत है जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की. व्यवसायियों ने बिजली की समस्या के समाधान की मांग जिला पदाधिकारी से की.
व्यवसायी कुंदन कुमार का कहना है की बिजली व्यवस्था दुरुस्त तो होती नहीं है, मगर बिजली बिल व्यवस्था जरूर दुरुस्त रहती है. शहर में बिजली की व्यवस्था देखा जाए तो कोई खास तरीके से दुरुस्त नहीं है. बिजली आती और जाती रहती है. जिस से होने वाली परेशानी व्यवसायियों को हीं नहीं बल्कि आम आदमी को भी झूलनी पड़ती हैं.