कर दूं रंगमंच की स्थापना.
सार्थक संदेश पहुँचा दूं,
लेकिन वक्त नहीं है.
रंगमंच कोई नुमाईश नहीं,
अरमान आसमान को छूने की है,
जज्ज्बा मंजिल पाने की,
लेकिन वक्त नहीं है.
अश्कों से धो डालूं धब्बो को,
तोड़ दूं हर जंजीर को,
चुम लूँ हर नवीन मंजिल को,
लेकिन वक्त नहीं है.
सलाह प्रधानमंत्री को दे आऊं,
मिल संस्कृति मंत्रालय से आऊं,
रंगमंच को उन्नत कर दूं,
लेकिन वक्त नहीं है .
(कल्पना- नवीन कुमार)