एटीएम में कैश नहीं, ग्राहक हो रहे परेशान - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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13 मई 2018

एटीएम में कैश नहीं, ग्राहक हो रहे परेशान

शहर के करीब 95 फीसदी एटीएम कैश के अभाव में बंद पड़े हुए हैं. पांच फीसदी चल भी रहे हैं, तो वह महज दो से तीन घंटे के लिये. स्थिति यह है कि नोट डालते ही दो से तीन घंटे में खत्म हो जाता है. आरबीआइ के द्वारा जरूरत के अनुरूप राशि आपूर्ति नहीं किये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उपभोक्ताओं को रुपये निकालने के लिए शहर के एटीएम का चक्कर लगाना पड़ रहा है. 
                  बता दें कि रविवार को शहर के विभिन्न मुहल्लों में स्थित विभिन्न बैंकों के एटीएम का जायजा लिया गया. शहर में विभिन्न बैंकों के कई एटीएम हैं, पर एक में भी पैसा नहीं है. किसी का शटर गिरा हुआ था, तो किसी में लिखा था कि कैश नहीं है. ढलती दिन के बाद शहर के एडीबी एसबीआई स्थित एटीएम में पैसा डाल गया. जिस पर लोगों की भीड़ थी. 
                                 बताया जाता है कि विभिन्न बैंकों के  द्वारा मात्र गिने चुने एटीएम में ही रुपये डाले जाते हैं. इसकी संख्या महज पांच फीसदी होगी. वहीं अन्य बैंकों के एटीएम के शटर गिरे रहते हैं. शादी विवाह के इस मौसम में बैंक व एटीएम से रुपये नहीं मिलने के कारण लोंगों की परेशानी बढ़ी हुई. बड़े नोटों की किल्लत की वजह से बैंक प्रबंधन ने एटीएम में ताला लगा दिया है. बैंक भी ग्राहक को बड़े रकम की निकासी पर हाथ खड़े कर रही है. बैंक ग्राहक रुपये के लिए दर-दर भटक रहे हैं. 
                                        रुपये की उपलब्धता के संबंध में बैंक पदाधिकारी ग्राहकों को कुछ बताने को तैयार नहीं है. जानकारी हो कि बैंकों में रुपये की कमी की समस्या पिछले दो-तीन माह से बनी हुई है. रुपये की किल्लत की घोर कमी की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की ट्रेजरी शाखा में भी ग्राहकों को पर्याप्त राशि नहीं दी जा रही है. ग्रामीण इलाकों के बैंक में भी गंभीर स्थिति बनी हुई है. ग्रामीण क्षेत्र में तो रुपये के लिए हाहाकार मचा हुआ है. शादी, बीमारी एवं आवश्यक कार्य के लिए भी लोगों को बैंकों से रुपये नहीं मिल पा रहा है. पिछले तीन दिनों से शहर में एक भी एटीएम में बैंक द्वारा नोट नहीं डाला जा रहा है.
                                  हजार दो हजार के लिए लोगों को भटकना पर रहा है. बैंकों की स्थिति इससे पहले ऐसी कभी देखने को नहीं मिली थी. भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा पदाधिकारी इस इंतजार में रहते हैं कि कोई जमा करने वाला ग्राहक आकर रुपये जमा करें. उसी पैसे को काउंटर से ग्राहकों को निकासी में दिया जा सके.

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