मधेपुरा
आज दुआ स्वीकार करता हूँ,
लो संगीत ही बन जाता हूँ !
नफरत से ही सुनते रहना,
और दुनिया को भी सुनना !
गुस्से में कभी संगीत ही तोड़ देना,
क्योंकि टूटने की आदत सी लगी है !
फिर दिल सुनने को करे,
तुरन्त डाउनलोड कर लेना मुझे !
जब-जब गुस्सा होगी,
मेरे दिल पे अंगुली रख देना,
मैं चुप हो जाऊंगा,
वापस अंगुली रखते ही शुरू हो जाऊंगा !
पसंद अगर ना आए तो,
कभी घबराना मत !
दिल के साइड में अंगुली रखना,
मैं तुम्हारे पसंद का ही बजूंगा !
सब कुछ तेरी इजाजत से होगी,
बगेर इजाजत के एक धुन भी ना निकलूंगा !
सुनते हुए अश्क़ ना बहाना,
सिर्फ और सिर्फ मुस्कुराना !
आज दुआ स्वीकार करता हूँ,
लो संगीत ही बन जाता हूँ !
नफरत से ही सुनते रहना,
और दुनिया को भी सुनना !
गुस्से में कभी संगीत ही तोड़ देना,
क्योंकि टूटने की आदत सी लगी है !
फिर दिल सुनने को करे,
तुरन्त डाउनलोड कर लेना मुझे !
जब-जब गुस्सा होगी,
मेरे दिल पे अंगुली रख देना,
मैं चुप हो जाऊंगा,
वापस अंगुली रखते ही शुरू हो जाऊंगा !
पसंद अगर ना आए तो,
कभी घबराना मत !
दिल के साइड में अंगुली रखना,
मैं तुम्हारे पसंद का ही बजूंगा !
सब कुछ तेरी इजाजत से होगी,
बगेर इजाजत के एक धुन भी ना निकलूंगा !
सुनते हुए अश्क़ ना बहाना,
सिर्फ और सिर्फ मुस्कुराना !
(कल्पना- नवीन कुमार)