मधेपुरा
जिला मुख्यालय स्थित होटल मधेपुरा के समीप का परिसर जो कुछ वर्षों पहले टीओपी - 1 कहा जाता था, आज वह गंजेरियो का अड्डा बन चुका है. सूरज ढलते हीं वहां शहर के उचक्के एवं गंजेरियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है.
जिससे आसपास के स्थानीय दुकानदारों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय दुकानदार राकेश कुमार, मुन्ना आलम, कुंदन कुमार, विक्की विनायक, अक्षय कुमार आदि ने बताया कि हम लोग खाली पड़े जगहों पर अपनी-अपनी गाड़ी खड़ी कर दुकान खोलकर बैठ जाते हैं. उसके बाद हमें घर जाने के वक्त हीं गाड़ी की जरूरत पड़ती है. उस बीच में गंजेरियों द्वारा खड़ी गाड़ी की पाइप काटकर गाड़ी का सारा तेल निकाल लिया जाता है.
जब हम लोग घर जाने के लिए गाड़ी निकालते हैं तो पता चलता है गाड़ी का पाइप कटा हुआ है और सारा तेल गाड़ी से गायब है. दुकानदारों ने बताया कि इतना हीं नहीं बिहार में शराबबंदी होने के कई वर्षों के बाद भी सुनसान पड़े टीओपी-1 में कई लोग बैठकर शराब भी पीते हैं और बोतल यहां - वहां फेंक कर चले जाते हैं. बताते चलें कि इस कैंपस में कई कमरे बने हुए हैं जिसमें स्थानीय दुकानदारों का गोदाम भी है.
पिछले दिनों एक दुकानदार के गोदाम का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा गोदाम में पड़े हजारों के सामान की चोरी कर ली गई. जिससे स्थानीय दुकानदार आहत हैं. दुकानदारों का कहना है कि कभी गाड़ी से तेल निकाल लिया जाता है तो कभी गोदाम तोड़कर सारा सामान. आखिर हम दुकानदार जाए तो कहां जाए और अपनी समस्या किसको सुनाएं.
जिला मुख्यालय स्थित होटल मधेपुरा के समीप का परिसर जो कुछ वर्षों पहले टीओपी - 1 कहा जाता था, आज वह गंजेरियो का अड्डा बन चुका है. सूरज ढलते हीं वहां शहर के उचक्के एवं गंजेरियों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है.
जिससे आसपास के स्थानीय दुकानदारों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय दुकानदार राकेश कुमार, मुन्ना आलम, कुंदन कुमार, विक्की विनायक, अक्षय कुमार आदि ने बताया कि हम लोग खाली पड़े जगहों पर अपनी-अपनी गाड़ी खड़ी कर दुकान खोलकर बैठ जाते हैं. उसके बाद हमें घर जाने के वक्त हीं गाड़ी की जरूरत पड़ती है. उस बीच में गंजेरियों द्वारा खड़ी गाड़ी की पाइप काटकर गाड़ी का सारा तेल निकाल लिया जाता है.
जब हम लोग घर जाने के लिए गाड़ी निकालते हैं तो पता चलता है गाड़ी का पाइप कटा हुआ है और सारा तेल गाड़ी से गायब है. दुकानदारों ने बताया कि इतना हीं नहीं बिहार में शराबबंदी होने के कई वर्षों के बाद भी सुनसान पड़े टीओपी-1 में कई लोग बैठकर शराब भी पीते हैं और बोतल यहां - वहां फेंक कर चले जाते हैं. बताते चलें कि इस कैंपस में कई कमरे बने हुए हैं जिसमें स्थानीय दुकानदारों का गोदाम भी है.
पिछले दिनों एक दुकानदार के गोदाम का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों द्वारा गोदाम में पड़े हजारों के सामान की चोरी कर ली गई. जिससे स्थानीय दुकानदार आहत हैं. दुकानदारों का कहना है कि कभी गाड़ी से तेल निकाल लिया जाता है तो कभी गोदाम तोड़कर सारा सामान. आखिर हम दुकानदार जाए तो कहां जाए और अपनी समस्या किसको सुनाएं.