मधेपुरा: शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मंगलवार को मां भगवती के प्रथम स्वरूप कूष्माण्डा की पूजा अर्चना की गई. मां के भक्तों ने अपने घर व मंदिरों में भक्ति भाव के साथ मां की आराधना करते हुए सुख शांति की मन्नत मांगी. शहर के बड़ी दुर्गा मंदिर, बंगाली दुर्गा मंदिर, रेलवे परिसर एवं गौशाला दुर्गा मंदिर आदि जगहों पर श्रद्धालुओं ने माता कूष्माण्डा की पूजा करते हुए जयकारे लगाए.
चेहरे पर हल्की मुस्कान लिए माता कूष्माण्डा को सभी दुखों को हरने वाली मां कहा जाता है. मान्यता है कि मां कूष्माण्डा ने ही इस सृष्टि की रचना की. इनका निवास स्थान सूर्य है. इसीलिए माता कूष्माण्डा के पीछे सूर्य का तेज दर्शाया जाता है. मां दुर्गा का यह एकलौता ऐसा रूप है जिन्हें सूर्यलोक में रहने की शक्ति प्राप्त है.
इनके अलावा माता कोई भी रूप सूर्यलोक में नहीं रहता. इस दौरान मंदिरों व घरों में पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा. हर तरफ मां भगवती के जयकारे गूंजते रहे. नवरात्र के चौथे दिन मंदिरों में भी श्रद्धालु पहुंचे. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में भव्य आयोजन नहीं हो रहे हैं.
श्रद्धालुओं को बैठकर पूजा अर्चना करने नहीं दिया जा रहा है. श्रद्धालु कतार में मां के दर्शन करने के साथ जयकारे लगाते हुए निकल रहे थे. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिरों में घंटियां बजाने पर रोक रही. नवरात्र के चलते मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया हुआ है.