गाँधी के विचार आज भी जिंदा हैं: डाॅ. वीणा - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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30 जनवरी 2021

गाँधी के विचार आज भी जिंदा हैं: डाॅ. वीणा

मधेपुरा: महात्मा गाँधी भारत के चमकते रत्नों में एक हैं. वे न केवल भारत, वरन् पूरी दुनिया के लिए प्रकाशपुंज हैं. उनके विचार एवं कार्य हमेशा प्रासंगिक हैं. यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डाॅ. वीणा कुमारी ने कही. वे महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित गाँधी की प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी में उद्घाटन वक़्तव्य दे रहे थे. 

उन्होंने कहा कि गाँधी के विचार आज भी जिंदा हैं. उनके संबंध में आइंस्टाइन ने बिल्कुल सही कहा था कि आने वाली पीढ़याँ बड़ी मुश्किल से यह विश्वास कर सकेंगी कि गाँधी जैसा हाड़ मांस का कोई पुतला इस धरती पर चला था. उन्होंने कहा कि आज शहादत दिवस पर पूरी दुनिया गाँधी को श्रद्धांजलि दे रही है. एक सिरफिरे ने 30 जनवरी, 1948 को गाँधी के शरीर की हत्या कर दी, लेकिन गाँधी का विचार हमेशा जिन्दा रहेगा. 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कहा कि आज हमारा परिवार, समाज एवं राष्ट्र और पूरी दुनिया अशांत है. हर जगह उथल-पुथल है और जनजीवन त्रस्त है. ऐसे में गाँधी के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ गई है. गाँधी के विचारों में संपूर्ण विश्व एवं चराचर जगत के कल्याण की कामना की गई है. सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि गाँधी एवं अंबेडकर दोनों ने देश के उत्थान में योगदान दियाा. 

दोनों का लक्ष्य एक था, लेकिन दोनों के दृष्टिकोण में भिन्नता थी. गाँधी यह मानते थे कि हम राजनीति स्वतंत्रता के बाद सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त कर लेंगे. लेकिन डाॅ. अंबेडकर राजनीतिक स्वतंत्रता से पहले सामाजिक स्वतंत्रता को जरूरी मानते थे. मुख्य वक्ता खुशबू शुक्ला ने कहा कि गाँधी ने अपनी आत्मकथा को सत्य के साथ मेरे प्रयोग नाम दिया है. उन्होंने दुनिया को सत्य एवं अहिंसा का संदेश दिया. उनके विचारों पर चलकर ही दुनिया का कल्याण हो सकता है. 
कार्यक्रम का संचालन जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने किया. धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. स्वर्ण मणि ने की. इस अवसर पर कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. उपेन्द्र प्रसाद यादव, शोधार्थी अमरेश कुमार अमर, माधव कुमार, धीरज कुमार, सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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