मधेपुरा: नगर परिषद के मुख्य पार्षद के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के साथ पारित हो गया. अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही नगर परिषद के मुख्य पार्षद सुधा देवी नप की सत्ता से बेदखल हो चुकी हैं. नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुधा देवी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 22 पार्षदों ने समर्थन की मुहर लगायी. इससे पूर्व काफी गहमागहमी के साथ शुरू हुए अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए एक पक्ष के सभी 22 पार्षद सदन में उपस्थित हुए.
जबकि 4 पार्षद अनुपस्थित रहे. अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को मतदान होना था पर मुख्य पार्षद समेत चार पार्षद मतदान से गायब रहे. जिनमें वार्ड न. 11 के इसरार अहमद, वार्ड नं. 16 की पार्षद (मुख्य पार्षद) सुधा कुमारी, वार्ड नं. 21 की पार्षद कविता देवी तथा वार्ड नं. 22 के पार्षद गोनर ऋषिदेव गायब थे. 21 वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में गिरे, जबकि एक अवैध घोषित हुआ. इस तरह इस बार चार साल के अधिक से मुख्य पार्षद की कुर्सी पर काबिज रही सुधा कुमारी को मुख्य पार्षद की कुर्सी से हटा दिया गया.
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया उप मुख्य पार्षद की अध्यक्षता और नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी की उपस्थिति में संपन्न हुआ. अब अगले मुख्य पार्षद के रूप में निर्मला देवी को चुने जाने की योजना है. निर्मला देवी 2002 से 2006 तक मुख्य पार्षद रही थी. मतदान के बाद वहां मौजूद पार्षदों ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्य पार्षद के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर था, कोई काम नहीं हुआ, नगर परिषद् की स्थिति दयनीय हो गई आदि आदि. अब दस महीने में हमलोग कायाकल्प कर देंगे.
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....