मधेपुरा: शहर के ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय परिसर में एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव की अध्यक्षता में सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने समाज सुधारक और सामाजिक आंदोलन के महानायक पेरियार ललई सिंह यादव की जयंती समारोह हर्षोल्लास पूर्वक मनाया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि पेरियार ललई सिंह यादव का जन्म 1 सितंबर 1911 को कानपुर उत्तरप्रदेश में हुआ था. उनके पिता आर्य समाजी थे, जिसके कारण अंधविश्वास और पाखंड के खिलाफ थे. जिसका असर ललई सिंह यादव पर गहरे रूप से पड़ गया था. 1946 में इन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पुलिस एंड आर्मी संघ ग्वालियर का गठन किया और ग्वालियर राज्य की आजादी के लिये संघर्ष किया. उन्होंने हिन्दू धर्म ग्रंथो का अध्ययन किया. श्रुति स्मृति, पुराण और विविध रामायण आदि ग्रंथों में व्याप्त अंधविश्वास, विश्वासघात और पाखंड से व्यथित हो उठे.
उन्होंने दक्षिण भारत के पेरियार रामासामी नायकर द्वारा लिखित रामायण ए टू रिडिंग को हिंदी में सच्ची रामायण के नाम से अनुवाद किया, जिसे 1969 में उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया लेकिन लंबी न्यायिक लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध को हटा दिया.कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई छात्रनेता राहुल कुमार, अमित कुमार, संजय कुमार, अरमान अली, हिमांशु राज, सुजीत यादव, नवीन कुमार, अभिषेक, रौशन राज, अकेला भाई, सुभाष, शिवशंकर, नवलकिशोर समेत सैकड़ो छात्र-छात्राएं मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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