मधेपुरा: वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलपति को पत्र लिख 2022 में कई अति महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम नहीं होने पर ध्यान आकृष्ट कराया है और संगठन की ओर से नाराजगी जताते हुए नए साल में उस पर ईमानदार पहल की मांग की है. कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि दुखद है कि लगातार मांग के बाद भी बीएनएमयू ने बीएड ऑन स्पॉट एडमिशन मामले को सुलझाने के बजाय और उलझा दिया. एक छात्र को न्याय देने के बजाय सत्रह छात्रों को और बलि का बकरा बना दिया गया. वहीं वर्षों से पंद्रह अगस्त एवम् छब्बीस जनवरी में तिरंगे के नीचे भाषणों का हिस्सा बन रह गया गर्ल्स हॉस्टल शुरू होने का इंतजार खत्म नहीं किया जा सका.
हर माह सिंडिकेट व छात्र संगठनों के साथ बैठक का संकल्प कभी जमीन पर नजर नहीं आया. छात्रों का पावन पर्व दीक्षांत समारोह में कल्पना से परे कई गलतियां दुखद रही. लगभग तीन साल सात दर्जन कर्मचारियों के वेतन के विवाद को नहीं सुलझा पाना सर्वाधिक दुखद पहलू रहा. छात्रों को वर्ग तक जोड़ने की कोई भी पहल नहीं की गई. लगातार मांग पर भी मुख्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग में नन टीचिंग स्टाफ की बहाली नहीं होना कुव्यवस्था का प्रमाण बना. आश्वासन के बाद भी एकेडमिक सीनेट का आयोजन नहीं किया जा सका.
नैक की चर्चा रही जोरों पर पर उससे जुड़े बिंदुओं पर नहीं हुए काम
पत्र में राठौर ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि खबरों व हलचल के द्वारा विश्वविद्यालय ने नैक से मान्यता को लेकर खूब गतिविधि दिखाई लेकिन उससे जुड़े बिंदुओं पर कोई जमीनी काम जमीन पर नजर नहीं आए. जिसमें शिक्षक छात्र अनुपात बैलेंस करने, अपनी पत्रिका व जर्नल निकालने, पुस्तकालय को हर सुविधाओं से लैस करने,एकेडमिक कैलेंडर बनाने, कई अति महत्वपूर्ण पाठ्यक्रमों को शुरू करने का मुद्दा खास है. सभी अधूरे बिंदुओं पर पत्र में विस्तार से चर्चा करते हुए राठौर ने कहा कि नए साल में इन बिंदुओं पर कारगर व योजनाबद्ध तरीके से पहल की जरूरत है अन्यथा बीएनएमयू और पीछे चला जायेगा जहां नैक से मान्यता मिलना तो दूर अपना अस्तित्व बचाना बड़ी चुनौती बन जायेगा. राठौर ने कहा कि बीएनएमयू इस क्षेत्र के सबसे बड़ी पूंजी व भावी पीढ़ियों की बड़ी उम्मीद है इसकी जड़ों को जितना मजबूत किया जाएगा उसका फल उतना ही दूरगामी होगा.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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