मधेपुरा का सबसे बड़ा बजट वाला महोत्सव इस बात के लिए भी याद किया जाएगा कि संगीत के विभिन्न विधाओं की झलक इसमें देखने को मिली कहीं अपनी विरासत शास्त्रीय संगीत की चमक नजर आई तो कहीं सुगम संगीत की धमक,लोकगीत से जुड़े परस्तुतियो ने जहां अपनत्व का भान कराया वहीं विभिन्न संगठनों द्वारा की गई परस्तुतियों ने स्थानीय कला संस्कृति के प्रति वर्तमान पीढ़ी के जुनून को भी दर्शाया जिससे महोत्सव की रौनकता बढ़ी. आने वाले वर्षों में समय रहते तैयारी शुरू करने व स्थानीय बुद्धिजीवियों व जनप्रतिनिधियों को शामिल करते हुए महोत्सव को और यादगार बनाने की पहल करते हुए राठौर ने कहा अनुमंडल पदाधिकारी, एनडीसी और जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की लगातार सक्रियता महोत्सव के सफल समापन का आधार बना. यह महोत्सव विभिन्न स्तर पर सांस्कृतिक गतिविधियों के विभिन्न आयामों को जोड़ने वाला रहा.
राठौर ने कहा कि आगमी महोत्सव में स्थानीय कला संस्कृति एवम् ऐतिहासिक विरासत को महोत्सव के बहाने वर्तमान पीढ़ी से जोड़ने की पहल हो साथ ही महोत्सव के मंच किसी एक खास हस्ती को सम्मानित करने की पहल हो।स्मारिका प्रकाशन की तैयारी समय रहते हो जिससे इस क्षेत्र की विशेषताओं को संग्रहित करने का मार्ग प्रशस्त होगा. बजट का अधिकांश हिस्सा स्थानीय कलाकारों को प्रमोट करने व अपनी विरासत को सहेजने पर हो साथ स्थानीय समझ रखने वाले लोगों को आयोजन समिति में जरूर जोड़ा जाए. आमजन को जोड़ने व जिले के सुदूर क्षेत्रों के कलाकारों को अधिक से अधिक जोड़ने के लिए प्रचार प्रसार इस बार से बेहतर होना चाहिए.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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