मधेपुरा: देश में विकराल रूप से हो रहे जनसंख्या वृद्वि के कारण उत्पन्न हो रहे सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय संकट को रोकने हेतु एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर "जनसंख्या समाधान फाउंडेशन" मधेपुरा द्वारा जिलाध्यक्ष इंदुभूषण कुमार के अगुवाई में, प्रदेश महामंत्री राहुल यादव एवं राष्ट्रीय सचिव दिलीप सिंह की उपस्तिथि में प्रधानमंत्री के नाम जिला पदधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा. उक्त जानकारी फाउंडेशन के प्रदेश महामंत्री राहुल यादव ने देते हुए कहा है कि सौपें गए 11 सूत्रीय मांग पत्र में शीघ्र जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाकर जाती धर्म से उपर उठकर देश के हित में कानून समान रूप से सभी नागरिकों पर लागू करने, सभी दंडात्मक प्रावधान के साथ कानून के अधिसूचित तिथि के एक बर्ष के भीतर तीसरे बच्चे उतपन्न करने वाले को सभी सरकारी अनुदान, सब्सिडी आदि से तत्प्रभाव से समाप्त कर राजकीय सेवा सहित मताधिकार से भी वंचित करने तथा कानून के एक बार उल्लंघन के बाद दूसरी बार उल्लंघन के स्तिथि में 10 वर्ष कारावास की सजा देने के साथ दो जीवित संतान होने की स्तिथि में तलाक होने पर स्त्री या पुरुष कोई भी दूसरी शादी के बाद सन्तानोत्पती के अधिकार से वंचित किये जाएं.
अवैध घुसपैठ प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों में मूल निवासियों विशेषकर जनजातीय समाज के अनुपातिक रूप से घटती आबादी के मद्देनजर कुछ समय के लिए उन राज्यों के नागरिकों को कानून के परिधि से बाहर रखने, कानून को लागू करने में अगर आवश्यक हो तो संविधान में उपयुक्त संशोधन करने की बात कही गयी है. वही फाउंडेशन के राष्ट्रीय सचिव दिलीप सिंह ने विश्व के मात्र 2.4% भूभाग पर 17.8% अर्थात142 करोड़ से अधिक का भार वहन कर रहे देश मे एक समग्र और सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना ना सिर्फ नये भारत की मांग है बल्कि आत्मनिर्भर भारत अर्थात विश्व गुरु भारत के निर्माण हेतु अति आवश्यक है. उन्होंने जनसँख्या के विस्फोटक स्वरूप से उत्पन्न जनसँख्यायक़ी असंतुलन की समस्या के समाधान हेतु यथा शीघ्रकदम उठाने की मांग प्रधानमंत्री से किया है. इस मौके पर मुखिया मुकेश कुमार, जिला संयोजक राजेश यादव, जिला उपाध्यक्ष श्रवण कुमार, जिला महामंत्री सूरज सिंघानिया,सौरव कुमार, दिनेश यादव (सरपंच), धीरेन्द्र सिंह, योगेंद्र मंडल, दिलीप यादव, संजय कुमार सुमन सहित फाउंडेशन के अनेकों सदस्य मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....