उदाकिशुनगंज: कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय उदाकिशुनगंज में शुक्रवार को कस्तूरबा जयंती समारोह आयोजित किया गया. अध्यक्षता वार्डेन प्रतिभा कुमारी ने की. कार्यक्रम का उद्घाटन सीओ हरिनाथ कुमार, बीईओ निर्मला देवी, संचालक सोभा साहू एवं वार्डेन प्रतिभा कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान उपस्थित शिक्षकों व छात्राओं ने कस्तूरबा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. छात्राओं ने रंगोली, चित्राकंण, सांस्कृतिक कार्यक्रम कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस अवसर पर छात्राओं ने संकल्प लेते हुए कहा हमलोग समाज में व्याप्त बाल विवाह, दहेज प्रथा व नशा का विरोध करूंगी, साथ ही साथ इन समाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु अपने परिवार व समाज मे जागृति लाने का प्रयास करूंगी, साथ ही साथ यह भी संकल्प लेती हूं कि कस्तूरबा विद्यालय से शिक्षा ग्रहण के उपरांत आगे की शिक्षा जारी रखूगी, ताकि शिक्षित, स्वस्थ्य, नए समाज व राष्ट्र के निर्माण में सहभागी बनी रहूंगी.
सीओ हरिनाथ कुमार ने छात्राओं को कस्तूरबा गांधी की जीवनी के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि कस्तूरबा गांधी का जन्म 11 अप्रैल 1869 ई में काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था. मात्र 7 साल की अवस्था में उनकी सगाई महात्मा गांधी के साथ हो गई थी. पुन: 13 साल की उम्र में दोनों का विवाह हो गया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी होने के अलावा कस्तूरबा गांधी की अपनी एक पहचान भी थी. वें एक समाज सेविका थीं. गरीब और पिछड़े वर्ग के लिए बापू ने काम काम किया यह तो हम सब जानते हैं. दक्षिण अफ्रीका में अमानवीय हालात में भारतीयों को काम कराने के विरूद्ध भी आवाज उठाने वाली कस्तूरबा गांधी ही थीं. सर्वप्रथम कस्तूरबा गांधी ने ही इस बात को प्रकाश में रखा और उनके लिए लड़ते हुए उनको 3 महीने के लिए जेल भी जाना पड़ा. इसके अलावा भी जब वे भारत लौटीं तो अपने अंतिम क्षण तक भारतीयों की सेवा करती रहीं. मौके पर टीपू मिश्रा, दीपा कुमारी, गायत्री कुमारी, सावरी कुमारी, मिताली कुमारी निभा देवी, बिंदु देवी सहित अन्य मौजूद थे.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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