पूर्व मध्य रेल के सहरसा-मानसी के बीच फनगो हॉल्ट के रेलवे ट्रैक के समीप नदी की धार बेहद करीब से बह रही हैं. ट्रैक पर कोसी की धार का भारी दबाब है. जल के कम जलस्तर के बाबजूद कोसी कहर बरपाने प़र आमदा है. कोसी की तेज धार फनगो हॉल्ट प़र रेलवे ट्रैक के समीप तेजी से ना केवल कटाव कर रही है बल्कि रेलवे ट्रैक को खुद में समाने के लिए बाबली होकर ट्रैक की ओर तेजी से बढती भी आ रही है. जबकी खतरा धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है. कोसी की धारा रेलवे ट्रैक की ओर मुड़ी हुई है जो बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है. अगर ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ तो कोसी प्रमंडल की पचास लाख से अधिक की आबादी का राज्य मुख्यालय से रेल संपर्क पूरी तरह से टूट जाएगा. फिलवक्त रेल अधिकारी स्थिति को कंट्रोल में बता रहे हैं .इससे इधर इलाके के लोग खासे परेशान और बड़ी आफत की आशंका में डूबे दिख रहे हैं. फनगो हॉल्ट इन दिनों कोसी के कोप से थर्रा रहा है. नदी अपनी तेज धार से कटाव करती हुई तेजी से रेलवे ट्रैक की तरफ लपकती जा रही है. अगर ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ तो कोसी इलाके में एक बड़ी आफत आ जायेगी. वहीं रेलवे यहाँ प़र कटाव निरोधी कार्य शुरू करवाने के बजाय निश्चिंत हैं. लोगों की मानें तो समय रहते यदि बचाव कार्य गंभीरता व तीव्रता से शुरू नहीं होगी तो रेलवे ट्रैक का बहना निश्चित है. कटाव का रुख देखते हुए आसपास के गांव में भी भय का माहौल व्याप्त हो गया है. रेलवे ट्रैक टूटा तो कचौत,कोपरिया, फनगो,आदि गांवों में तबाही मच सकती है. वहां के लोगो का कहना है की अभी खतरा चरम पर है और फ्लड फायटिंग का कार्य बंद है. पूर्व मध्य रेल के समस्तीपुर मंडल रेल अंतर्गत सहरसा-मानसी रेलखंड के फनगो हॉल्ट के एरिया में 14.3 से 14.6 किलो मीटर के बीच कोसी नदी की धारा भीषण दवाब बनाये हुए है. कोशी नदी की धारा कभी भी रेल खंड के इस बिंदु को बहा ले जा सकती है.फेनगो हाल्ट के पास 47 नम्बर पुल के सामने भीषण कटाव जारी है और बचाव के नाम पर यहाँ बोल्डर का एक टुकड़ा तक नही है. मौजूद प्रहरी की मानें तो प्रत्येक दिन तीन से चार मीटर जमीन कट कर नदी मे समा रही है और हालात यही रहा तो दो से चार दिन के अंदर नदी रेलवे ट्रेक के आर पार हो जायेगी. जबकि इस बावत हमने अभियंताओं से जानने का प्रयास किया तो उन्होंने लापरवाह अंदाज मे किसी प्रकार के कटाव होने से ही इंकार कर दिया. रेल मार्ग ठप्प हुआ तो कोसी इलाके में एक बड़ी आफत आ जायेगी. रेल प्रशासन को गंभीरता से काम शुरू करवा कर उस में तेजी लाना होगा जिससे रेलवे ट्रैक को कोसी की क्रूर धार से बचाया जा सके. देखी किस तरह सन 2008 बह रही थी कोसी धार,
किस तरह तराही माम थे लोंग सन 2008 में
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा)
किस तरह तराही माम थे लोंग सन 2008 में
(रिपोर्ट:- गरिमा उर्विशा)