मधेपुरा
फलों को खरीदने और उन्हें खाने के दौरान जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. निपाह वायरस का सबसे बड़ा खतरा अब फलों से भी पैदा हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर प्रदेश में निर्देश जारी किए हैं.
इनमें कहा गया है कि पेड़ से गिरे हुए, कटे या फटे फलों को खाने से निपाह वायरस का खतरा हो सकता है. फलों को निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ द्वारा चाटा या खाया गया हो सकता है. प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्कूलों सहित लोक निर्माण विभाग, आइपीएच, पशुपालन विभाग सहित अन्य सभी विभागों में अलर्ट जारी कर दिया है.
खासकर स्कूलों में निपाह वायरस से बचाव के लिए बच्चों को जागरूक करने को कहा है. निपाह ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है. वायरस का मुख्य स्त्रोत वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं. इसके अलावा पीने के पानी को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
दिमाग पर करता है अटैक
निपाह वायरस सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति के दिमाग में सूजन हो जाती है. इसके बाद यह छाती में संक्रमण पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है. इससे व्यक्ति बेसुद होना शुरू हो जाता है.
फलों को खरीदने और उन्हें खाने के दौरान जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है. निपाह वायरस का सबसे बड़ा खतरा अब फलों से भी पैदा हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर प्रदेश में निर्देश जारी किए हैं.
इनमें कहा गया है कि पेड़ से गिरे हुए, कटे या फटे फलों को खाने से निपाह वायरस का खतरा हो सकता है. फलों को निपाह वायरस से पीड़ित चमगादड़ द्वारा चाटा या खाया गया हो सकता है. प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्कूलों सहित लोक निर्माण विभाग, आइपीएच, पशुपालन विभाग सहित अन्य सभी विभागों में अलर्ट जारी कर दिया है.
खासकर स्कूलों में निपाह वायरस से बचाव के लिए बच्चों को जागरूक करने को कहा है. निपाह ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. यह जानवरों और इंसानों दोनों में गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है. वायरस का मुख्य स्त्रोत वैसे चमगादड़ हैं जो फल खाते हैं. इसके अलावा पीने के पानी को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत है.
दिमाग पर करता है अटैक
निपाह वायरस सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है. इस वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति के दिमाग में सूजन हो जाती है. इसके बाद यह छाती में संक्रमण पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है. इससे व्यक्ति बेसुद होना शुरू हो जाता है.