जिलाधिकारी ने बताया जिले में 0 से 5 वर्ष तक के कुल 4,34,166 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए कुल 983 टीमों का गठन किया गया है. जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायेगी. टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 274 पर्यवेक्षक भी लगाए गये हैं. साथ ही 66 वन मैन टीम, 17 मोबाईल टीम एवं 96 ट्रांजिट टीमें इस अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करेंगी. वहीं पोलियो की खुराक पिलाने के लिए 1900 वैक्सीनेटर नियुक्त किये गए हैं. पोलियो की दवा पर्याप्त मात्रा में सुलभ बनाने के लिए 89 सब-डिपो को दवा उपलब्ध करायी जा चुकी है.
इस अवसर पर मौजूद जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद ने कहा जिले में पल्स पोलियो अभियान के दौरान 356303 घरों का दौरा कर बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी जाएगी. उन्होंने बताया पोलियो विषाणु से फैलने वाला एक संक्रमक रोग है. जो आम तौर पर एक से दूसरे को संक्रमित विष्ठा या खाने के माध्यम से फैलता है. इस रोग में बच्चों के पैर काफी कमजोर पड़ जाते हैं जिससे बच्चा चलने-फिरने से लाचार हो जाता है. अभियान के दौरान कोविड नियमों का किया जाएगा पालन
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया कि पांच साल तक के बच्चों के लिए पोलियो की खुराक बहुत जरूरी है. इससे पोलियो के वायरस को शरीर में पनपने की जगह नहीं मिलती है. उन्होंने कहा कोरोना संकट काल में जारी गाइडलाइन के अनुसार ही स्वास्थ्यकर्मियों को पोलियो अभियान में काम करने को कहा गया है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंस के साथ टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए टीकाकर्मी को संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध करना सुनिश्चित कराने के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. साथ ही टीकाकारण के दौरान उचित शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित तौर पर किया जाएगा. इसके लिए सभी पीएचसी को पोलियो अभियान में काम करने वाले टीका कर्मी, सुपरवाइजर, डिपो होल्डर के लिए जिले में सैनिटाइजर तथा मास्क उपलब्ध कराये गये हैं.
(रिपोर्ट:- रामानंद कुमार)
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