मणिभूषण वर्मा की कृति सुबह की प्रतीक्षा में मानवीय अस्मिता की प्रतिष्ठा का उपक्रम है - मधेपुरा खबर Madhepura Khabar

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17 नवंबर 2021

मणिभूषण वर्मा की कृति सुबह की प्रतीक्षा में मानवीय अस्मिता की प्रतिष्ठा का उपक्रम है

मधेपुरा: डाक्टर के. के मंडल की अध्यक्षता में स्थानीय चित्रगुप्त सामुदायिक भवन लक्ष्मीपुर मोहल्ला वार्ड न 017 में जिला चित्रांश समिति मधेपुरा के तत्वाधान में उक्त पुस्तक का लोकार्पण पच्छिम बंग राज्य विश्वविद्यालय बारासात के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरूण होता ने किया. लोकार्पर्ण करने के उपरांत उन्होंने कहा कि सुबह की प्रतीक्षा में कवि मणिभूषण मिथकीय पात्रों के माध्यम से मानवता की प्रतिष्ठा का उपक्रम करते और मानवीय सरोकार को नया आयाम प्रदान रहते हैं. इसमें राजतांत्रिक भोगवादी संस्कृति पर चोट है और लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रतिबद्धता व्यक्त है. 

डाक्टर सिद्धेश्वर काश्यप ने कहा इस कृति में मानवीय अस्मिता और मूल्यों के लोकतंत्रीकरण का उपक्रम हैै. राजतंत्र की विषमता का यथार्थ उद्घाटन है. इसमें स्त्री भोग्या मात्र नहीं वत्सला और भ्रातृत्व की रक्षिका के साथ मानवीय अस्मिता की संरक्षा में आत्मत्याग को प्रतिबद्ध शक्ति भी है. लेकिन पितृसत्तात्मक व्यवस्था में वह भोग्या, हंता, उत्सर्गकर्त्री भी है और है अस्मिता के लिए संघर्षरत अस्मिता मूलक सुबह की प्रतीक्षा में. वह मनुष्य के दोहरे चरित्र की शिकार भोग्या, उत्सर्ग के लिए अभिशप्त वंदनीया भी है.  
यह अस्मिता की संकटग्रस्तता है जिस पर प्रश्न- प्रतिप्रश्न है इस कृति में. लेकिन स्त्री अस्मिता के लिए सुबह की प्रतीक्षा में भी है. डॉक्टर विनय चौधरी, डॉ क्टर देवनारायण, डॉ क्टर के के चौधरी डॉक्टर शची्द्र महतो आदि ने भी विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत स्थानीय पार्षद अशोक कुमार सिन्हा ने पुष्प गुच्छ देकर अभिवादन किया, कार्यक्रम में समिति के सदस्यों ने सराहनीय कार्य किया. 

जबकि मंच संचालन डॉक्टर आर0 सी0 मंडल ने किया. इस अवसर पर सियाराम मयंक, डॉक्टर आलोक, प्राचार्य अशोक कुमार, डाक्टर विश्वनाथ विवेका, प्रो बिजेंद्र नारायण यादव, शम्भू शरण भारतीय, बैजनाथ सिन्हा, सुबोध ठाकुर, दीपक कुमार आदि की सहभागिता भी अभिनंदनीय रही. 
(रिपोर्ट:- ईमेल) 
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