मधेपुरा: कोरोना वायरस के तीसरी लहर को लेकर लोग सजग नहीं है. कोरोना वायरस के प्रति लोग अब भी बेपरवाह बने हुए है. जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. जिले में हर दिन कोरोना वायरस पीडितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके बावजूद कोविड प्रोटोकाल की अनदेखी का सिलसिला नहीं थम रहा है. बाजार हो या सार्वजनिक स्थल, हर जगह लोग बिना मास्क लगाए धड़ल्ले से घूम रहे हैं. शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी बड़े खतरे का कारण बन सकती है. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड में लोग मास्क लगाने व शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति लापरवाह बने हुए हैं.
जिला प्रशासन ने कुछ दिन पहले इसे लेकर सख्ती दिखाई थी, लेकिन अब जिम्मेदार खुद बेपरवाह नजर आ रहे हैं. शहर में दुकानदार हो या ग्राहक सबों ने मास्क पहनना छोड़ दिया है. जबकि कोरोना वायरस से बचने एवं इसके संक्रमण को रोकने के लिए सबसे जरूरी है मास्क पहननना. लेकिन लोग मास्क पहन ही नहीं रहे है. मास्क पहनने के प्रति लोगों में जागरूकता घटी है. पिछले वर्ष ही कोरोना वायरस से पीड़ित करीब तीन- चार सौ लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बाद भी लोग इस बीमारी के रोकथाम के प्रति उदासीन बने हुए है. आम लोग भी बाजार में लोग भी बिना मास्क के ही घूम रहे है.
कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच तेज कर दी है.
प्रतिदिन अभियान चलाकर लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं. इन नमूनों की जांच के माध्यम से संक्रमण पर नजर रखी जा रही है. जिले में शैक्षिक संस्थान, बस व टैक्सी चालक, माल व बाजारों के दुकानदार, विभिन्ना कार्यालयों के अधिकारी, कर्मचारी, सरकारी व प्राइवेट अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पैथोलाजी संचालकों एवं कर्मियों की जांच की जा रही है.
(रिपोर्ट:- सुनीत साना)
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