मधेपुरा: विश्व मजदूर दिवस एक मई के अवसर पर मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा के सामने विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों को समाजसेवी-साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अंगवस्त्रम, पाग, पुष्पगुच्छ व मिठाई पैकेट देकर सम्मानित किया. वे हैं- टेंट मजदूर पप्पू यादव, कृषि मजदूर संजय मुखिया, गाड़ी चालक रामकुमार, राजमिस्त्री शालिग्राम यादव, पवन कुमार, गृह निर्माण मजदूर अनिल महतो, डोमी राम, दीपक कुमार, बोनू महतो, चाय विक्रेता महेंद्र साह, विकास कुमार आदि शामिल हैं. डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी देशवासी राष्ट्र के मजदूर हैं. कुछ स्किल्ड मजदूर हैं तो कुछ अनस्किल्ड या कुछ सुपर स्किल्ड मजदूर हैं. इनमें सभी हैं देश के भाग्य विधाता. राष्ट्र की उन्नति के लिए सभी मजदूर बनकर अपने-अपने हिस्से का फर्ज निभाते हैं.
डॉ. मधेपुरी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में मजदूरों की आबादी लगभग 340 करोड़ है. सभी श्रमिकों की भागीदारी कम नहीं. उक्त आबादी में 70 फ़ीसदी से अधिक मजदूरों की सेहत को जलवायु परिवर्तन के कारण यानी सर्वाधिक गर्मी के चलते नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक गर्मी के कारण प्रतिवर्ष लगभग 20 लाख श्रमिक दिव्यांग हो जाते हैं. करोड़ों श्रमिकों की किडनी गर्मी के कारण गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाती है. डॉ۔ मधेपुरी ने मांग की कि भारत सरकार जापान की तरह प्रतिवर्ष कार्बन उत्सर्जन में कटौती का लक्ष्य निर्धारित करे. साथ ही यह भी कि प्रत्येक श्रमिक के लिए 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद ₹5000 प्रतिमाह पेंशन दे. क्योंकि, श्रमिकों की मेहनत, लगन व कार्य क्षमता को देश ही नहीं दुनिया सलाम करती है. उन्होंने कहा कि मजदूर दिवस का दिन न केवल श्रमिकों को सम्मान देने का दिन होता है बल्कि आज का दिन मजदूरों के हक के लिए आवाज उठाने का भी दिन होता है. श्रम या श्रमिकों को सम्मान देना हमारी संस्कृति का हिस्सा बने.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
पब्लिसिटी के लिए नहीं पब्लिक के लिए काम करना ही पत्रकारिता है....