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1 मई 2021

बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत, तिहाड़ जेल प्रशासन ने की पुष्टि

डेस्क: बिहार के सीवान से आरजेडी सांसद रहे बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का शनिवार सुबह कोरोना से निधन हो गया. तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि कर दी है. तिहाड़ के डीजी द्वारा मीडिया को भेजे गए संदेश में कहा गया है कि दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में भर्ती कैदी मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना से निधन हुआ है. इससे पहले न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी थी. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जेल प्रशासन के हवाले से इसे एक अफवाह भी बताया जा रहा था. 

शहाबुद्दीन हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे. फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था. शुक्रवार मध्य रात्रि 3 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा था कि पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन अब हमलोगों के बीच नहीं रहे. कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी मौत हो गई. यह आरजेडी परिवार के दुखद खबर है. पूरा आरजेडी परिवार मर्माहत है. मो.शहाबुद्दीन अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे. वे हमेशा जनता के लिए काफी काम करते थे.  
सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं हर जगह उनको चाहने वाले कई लोग थे. शहाबुद्दीन एक कर्मठ सांसद के रूप में जाने जाते थे. दरअसल तिहाड़ जेल प्रशासन को बिहार के बाहुबली और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कोरोना संक्रमित होने का पता तब लगा जब, 20 अप्रैल को उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी. जिस तरह के उसके शरीर में लक्षण नजर आए, उसके मद्देनजर कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई. रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही शहाबुद्दीन को तुरंत तिहाड़ जेल के चिकित्सकों की निगरानी में दे दिया गया. 

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को दो दिन पहले ही शहाबुद्दीन का इलाज बेहतर तरीके से कराने का निर्देश दिया था. जस्टिस प्रतिभा सिंह ने कहा था कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर उनकी सेहत का ख्याल रखें. इससे पहले शहाबुद्दीन की तरफ से कोर्ट में यह कहा गया था कि उनका इलाज ठीक तरीके से नहीं हो रहा है इसके साथ कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दिन भर में दो बार घर बात करने की इजाजत भी दी थी. शहाबुद्दीन पर करीब 30 से ज्यादा केस दर्ज थे.  
15 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ लाने का आदेश दिया था. तिहाड़ से पहले वे बिहार की भागलपुर और सीवान की जेल में भी लंबे समय तक सजा काट चुके थे. 2018 में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए, लेकिन जमानत रद्द होने की वजह से उन्हें वापस जेल जाना पड़ा. इससे पहले पिछले साल सितंबर में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के पिता शेख मोहमद हसीबुल्लाह (90 वर्ष) का निधन हो गया था. उस वक्तर तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद को पैरोल पर लाने की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. 

हत्या के मामले में तिहाड़ जेल में आजावीन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामले चल रहे थेे. तिहाड़ जेल में शहाबुद्दीन को एकदम अलग बैरक में रखा गया था. उस बैरक में शहाबुद्दीन के अलावा कोई दूसरा कैदी नहीं था. जेल के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि तिहाड़ में तीन ऐसे कैदी (शहाबुद्दीन, छोटा राजन और नीरज बवाना) हैं जिनको अलग-अलग बैरकों में अकेला रखा गया हैै. इनका किसी से भी मिलना-जुलना नहीं होता है.  
पिछले 20-25 दिनों से इनके परिजनों को भी इन कैदियों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. 90 के दशक में विधायक और सांसद रह चुके शहाबुद्दीन बिहार में बाहुबली के तौर पर जाने जाते थे. आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले शहाबुद्दीन कई बार विवादों में रहे. उनके ऊपर सीवान में चंदा बाबू के बेटों की हत्या का आरोप लगा और मामले में कोर्ट ने सजा भी सुनाई. पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में भी शहाबुद्दीन का नाम सामने आया. बाद में कोर्ट के निर्देश पर शाहबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजा गया था. 
(सोर्स:- दैनिक भास्कर) 
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