मधेपुरा: हवन यज्ञ हमारे देश की प्राचीन संस्कृति है. हवन के माध्यम से हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रकृति को शुद्ध रखने के साथ साथ पूरी मानवता को स्वस्थ रखा और निरोग भारत की नींव रखी. हवन यज्ञ से असाध्य रोग भी छूमंतर हो जाता है वशर्तें हवन यज्ञ पूरे विधि-विधान से प्रशिक्षित योगियों के मार्गनिर्देशन में कराये जांय. उपरोक्त विचार पतंजलि हरिद्वार से आये बाबा रामदेवजी महाराज के प्रतिनिधि स्वामी विप्रदेवजी ने कही. विगत शुक्रवार को गोशाला परिसर स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में प्रातः सात से नौ बजे तक आयोजित हवन यज्ञ में लगभग दो दर्जन श्रद्धालुओं ने हरिद्वार से पधारे स्वामी विप्रदेवजी के निर्देशन में हवनयज्ञ किया.
स्वामीजी ने विभिन्न रोगों के लिए अलग अलग हवन सामग्री के साथ हवन करने का प्रशिक्षण दिया. उन्होंने कहा कि प्रायः सभी रोग हवन यज्ञ से समाप्त हो जाते हैं तथा जितने भी सूक्ष्म वैक्टीरिया या रेडिएशन के खतरे हवन से समाप्त हो जाते हैं. हवन यज्ञ संचालित करने में उत्तरी बिहार के प्रभारी योगाचार्य हरि नारायण प्रधान की प्रमुख भूमिका रही. इन्होंने कोसीके सभी जिलों में हवन यज्ञ करवाया है तथा राज्य के सभी जिलों में यह कार्यक्रम चल रहा हैै.
कार्यक्रम के प्रारंभ में गोशाला के सचिव पृथ्वीराज यदुवंशी, पतंजलि के कार्यालय प्रभारी राकेश भारती, भारत स्वाभिमान के डॉ एन के निराला, किसान प्रभारी सुभाष चंद्र,पातंजली के जिला प्रभारी प्रो नंद किशोर, योगी राजेश कुमार, संगीत सेलिब्रेटी अमर आनंद एवं जिला महिला सह संयोजज रिंकी यदुवंशीने हरिद्वार से आये सन्यासियों का स्वागत किया. हवन यज्ञ में मुख्य रूप से योगी जय कुमार ज्वाला, रामचंद्र यादव, मृत्युंजय कुमार सिंह, जीवन ज्योति, अनुराधा, प्रियंका, रंजना, शिम्पी, पूनम सहित दर्जनों श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में भाग लिया.
(रिपोर्ट:- ईमेल)
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